सोनीपत, राजेश आहूजा (वेब वार्ता)। हरियाणा के सोनीपत जिले के थाना HSIIDC बड़ी पुलिस ने गांव राजपुर में एक युवक शक्ति सिंह की पीट-पीटकर हत्या के मामले में तीन अभियुक्तों—बिजेंद्र, कृष्ण, और संदीप—को गिरफ्तार किया है। यह घटना पुराने प्लॉट विवाद और आपसी रंजिश का परिणाम बताई जा रही है।
घटना का विवरण
थाना HSIIDC बड़ी में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे सूचना मिली कि उसके बेटे शक्ति सिंह की हत्या कर दी गई है। महिला के अनुसार, शक्ति का शव गांव राजपुर में बिजेंद्र के आरओ प्लांट में पड़ा हुआ था। मौके पर पहुंचने पर पुलिस और परिजनों ने देखा कि शक्ति का सिर खून से लथपथ था और उस पर गंभीर चोटों के निशान थे। शिकायत में आरोप लगाया गया कि बिजेंद्र पुत्र रणधीर, कृष्ण पुत्र रणधीर, संदीप पुत्र रणबीर, राहुल पुत्र कृष्ण, सुंदर पुत्र रणधीर, जोगेंद्र पुत्र रणधीर, आकाश पुत्र जोगेंद्र, और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने मिलकर सरिया, डंडों, और तेज धार वाले हथियारों से शक्ति पर हमला कर उसकी हत्या कर दी।
शिकायतकर्ता ने बताया कि शक्ति और बिजेंद्र के बीच पहले से ही कहासुनी चल रही थी, जिसके चलते यह रंजिश हत्या का कारण बनी। पुलिस ने इस मामले में थाना HSIIDC बड़ी में मु.अ.सं. 512/2025 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया।
पुलिस की कार्रवाई
थाना HSIIDC बड़ी के प्रभारी निरीक्षक महेश के नेतृत्व में पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन मुख्य अभियुक्तों—बिजेंद्र पुत्र रणधीर, कृष्ण पुत्र रणधीर (निवासी राजपुर, सोनीपत), और संदीप पुत्र रणबीर (निवासी पटेल नगर, गन्नौर)—को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
पृष्ठभूमि और आपराधिक रिकॉर्ड
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि शक्ति सिंह का पहले से ही अपराध की दुनिया से संबंध था। कुंडली थाने में उसके खिलाफ लूट और हत्या समेत 10 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। वह करीब दो महीने पहले ही करनाल जेल से जमानत पर रिहा हुआ था। शक्ति का बड़ा भाई पवित्र भी वर्तमान में जेल में बंद है और उस पर भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। ग्रामीणों के अनुसार, दोनों भाई मिलकर अक्सर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहते थे।
पुलिस के अनुसार, इस हत्या का मुख्य कारण प्लॉट विवाद था, जो तीन साल पहले शक्ति के ताऊ रमेश द्वारा बिजेंद्र को एक प्लॉट बेचे जाने से शुरू हुआ था। इस विवाद ने समय के साथ रंजिश का रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप यह जघन्य हत्याकांड हुआ।
सामाजिक और कानूनी प्रभाव
इस हत्याकांड ने राजपुर गांव और आसपास के क्षेत्र में दहशत फैला दी है। स्थानीय लोगों ने पुलिस से इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है। एसीपी ऋषिकांत ने बताया कि प्रारंभिक जांच में प्लॉट विवाद ही हत्या का मुख्य कारण सामने आया है। पुलिस ने एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम को मौके पर बुलाकर साक्ष्य एकत्र किए हैं और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल भेजा गया है।
निष्कर्ष
यह हत्याकांड सोनीपत में बढ़ते अपराध और पुरानी रंजिशों के खतरनाक परिणामों को दर्शाता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तीन अभियुक्तों की गिरफ्तारी से जांच में प्रगति हुई है, लेकिन अन्य फरार आरोपियों को पकड़ना अभी बाकी है। यह घटना क्षेत्र में कानून-व्यवस्था और सामाजिक शांति के लिए एक चुनौती पेश करती है।