सोनीपत, राजेश आहूजा (वेब वार्ता)। सोनीपत की मुख्य सड़कों पर मात्र दो वर्ष पहले करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद ये सड़कें दो मानसून भी नहीं झेल पाईं। आज कई मुख्य सड़कें गड्ढों से पट गई हैं, जो स्थानीय प्रशासन और सरकार पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) हरियाणा के सोनीपत लोकसभा क्षेत्र अध्यक्ष देवेन्द्र गौतम ने सड़कों की बदहाली पर चिंता जताते हुए भाजपा के झंडे पर बैठकर प्रदर्शन किया। उन्होंने इसे “भ्रष्टाचार का गड्ढों में दफ़न विकास मॉडल” करार दिया और सरकार से पांच सवाल पूछे।
सड़कों की बदहाली: दो साल में करोड़ों का विकास गड्ढों में
देवेन्द्र गौतम ने कहा कि सोनीपत की मुख्य सड़कों का निर्माण दो साल पहले ही करोड़ों रुपये की लागत से किया गया था, लेकिन अब ये सड़कें खस्ताहाल हो चुकी हैं। गहरे गड्ढों से भरी सड़कें न केवल आवागमन को कठिन बना रही हैं, बल्कि दुर्घटनाओं का कारण भी बन रही हैं। गौतम ने हाल ही में सोनीपत विधायक द्वारा उपायुक्त और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक का जिक्र किया, जिसमें नवंबर तक सड़कों के पुनर्निर्माण की घोषणा की गई। उन्होंने इस पहल का स्वागत किया, लेकिन सवाल उठाया कि टैक्स चुकाने वाले नागरिकों को अच्छी सड़कें क्यों नहीं मिल रही हैं।
देवेन्द्र गौतम के पांच सवाल: भ्रष्टाचार पर सीधी चोट
देवेन्द्र गौतम ने सरकार और प्रशासन से पांच गंभीर सवाल पूछे हैं, जो सड़क निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं:
सिर्फ 2 साल पहले बनाई गई सड़कें इस हालत में कैसे पहुंचीं? – क्या निर्माण में ही कमी थी?
सड़क निर्माण में लगाई गई सामग्री की गुणवत्ता पर कौन जवाब देगा? – घटिया माल इस्तेमाल करने वालों की जवाबदेही कौन तय करेगा?
क्या ठेकेदार की कोई जिम्मेदारी तय नहीं होती? – क्या ठेकेदार को सड़क की गारंटी अवधि नहीं देनी चाहिए?
क्या सड़क निर्माण के नाम पर जनता का पैसा लूटने का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा? – भ्रष्टाचार का यह चक्र कब रुकेगा?
हर बार नए टेंडर और नए निर्माण की आड़ में आखिर किसकी जेब भरी जा रही है? – क्या यह विकास का नाम पर लूट का खेल है?
गौतम ने तुलना की कि नेशनल हाईवे बरसों बरसात और भारी यातायात झेलते हैं, लेकिन सोनीपत की सड़कें हर मानसून में क्यों उखड़ जाती हैं? उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि विकास के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हो रहा है, और जनता का पैसा डुबाया जा रहा है।
सरकार से मांग: गारंटी, जांच और FIR
देवेन्द्र गौतम ने सरकार और प्रशासन से तीन मुख्य मांगें की हैं:
हर ठेकेदार से सड़कों की गारंटी अवधि पूछी जाए – निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए।
घटिया निर्माण सामग्री के जिम्मेदारों पर FIR दर्ज की जाए – भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने के लिए।
सोनीपत के हर वार्ड और मुख्य सड़क की जांच कर भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों और नेताओं के नाम उजागर किए जाएं – पारदर्शिता लाने के लिए।
गौतम ने जोर देकर कहा कि सड़कें फोटो खिंचवाने या शिलान्यास के लिए नहीं, बल्कि जनता की सुविधा के लिए बननी चाहिए। जनता अपने टैक्स के हर पैसे का हिसाब मांग रही है, और विकास का मतलब भ्रष्टाचार का इंजन चलाना नहीं होना चाहिए।
प्रदर्शन का रूप: भाजपा झंडे पर विरोध
प्रदर्शन के दौरान देवेन्द्र गौतम ने सड़कों के गड्ढों में भाजपा का झंडा लगाकर विरोध दर्ज किया, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रतीकात्मक कदम था। AAP कार्यकर्ताओं ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया और स्थानीय लोगों से समर्थन मांगा। गौतम ने कहा कि टूटी सड़कों का तोहफा टैक्स भरने वाले नागरिकों को क्यों मिल रहा है? यह सवाल सीधे सरकार, स्थानीय नेताओं और प्रशासन से हैं।
निष्कर्ष: जनता का सवाल और उम्मीद
देवेन्द्र गौतम का यह प्रदर्शन सोनीपत में सड़क निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने वाला है। उनकी मांगें न केवल स्थानीय मुद्दे हैं, बल्कि पूरे हरियाणा के विकास मॉडल पर सवाल उठाती हैं। यदि सरकार इन सवालों का जवाब देती है और मांगें पूरी करती है, तो यह पारदर्शिता की दिशा में एक कदम होगा। अन्यथा, जनता का असंतोष और बढ़ेगा। सोनीपत के निवासी अब सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।