सोनीपत, राजेश आहूजा (वेब वार्ता)। मानवता आज भी जिंदा है, और इसका एक शानदार उदाहरण हरियाणा के सोनीपत जिले में देखने को मिला। यहां समाज कल्याण शिक्षा समिति और सब-इंस्पेक्टर जगत सिंह द्वारा चलाई जा रही एक अनूठी मुहिम ने कई बेसहारा लोगों की जिंदगी में नई उम्मीद जगाई है।
इस विशेष मुहिम के तहत सड़कों पर बेसहारा और लावारिस हालत में घूम रहे चार महिलाओं और चार पुरुषों को सुरक्षित रूप से मेडिकल जांच कराने के बाद “अपना घर आश्रम” भेजा गया। यह सिर्फ एक सामाजिक कार्य नहीं बल्कि इंसानियत के लिए एक प्रेरणा है, जो बताता है कि समाज में संवेदनशील लोग अभी भी मौजूद हैं।
अब तक 248 से अधिक जीवनों में रोशनी
इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कोई एक-दो दिन की पहल नहीं, बल्कि एक सतत प्रयास है। अब तक इस मुहिम के जरिए 248 से अधिक बेसहारा लोगों को आश्रम भेजा गया है। इनमें से कई लोग न केवल आश्रम में सुरक्षित जीवन बिता रहे हैं, बल्कि उनकी डॉक्टरी जांच और उपचार के बाद उन्हें उनके परिवार से भी मिलवाया गया। यह कार्य न केवल समाज में सुरक्षा और संवेदनशीलता का संदेश देता है बल्कि जरूरतमंदों के लिए जीवनदान साबित हो रहा है।
कैसे हुई लोगों की पहचान और बचाव?
अभियान में शामिल समाजसेवियों और पुलिस कर्मियों ने शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर इन बेसहारा लोगों को तलाशा। प्रक्रिया बेहद सुनियोजित और मानवीय रही—पहले इन लोगों की मेडिकल जांच कराई गई ताकि उनकी सेहत सुनिश्चित हो सके, उसके बाद उन्हें सुरक्षित परिवहन के माध्यम से अपना घर आश्रम भेजा गया।
अभियान के दौरान जिन लोगों को बचाया गया, उनके बारे में विस्तृत जानकारी इस प्रकार है:
✔ पहली महिला – बहालगढ़ रोड पर मिली। उसकी हालत देखकर तुरंत एएसआई मनीषा ने कदम उठाया। मेडिकल जांच के बाद महिला को बुढ़पुर स्थित आश्रम भेजा गया।
✔ दूसरी महिला – बड़वासनी गौशाला के पास से मिली। महिला की मेडिकल जांच कराने का जिम्मा एएसआई मनीता ने लिया और उसे बुढ़पुर आश्रम पहुंचाया।
✔ तीसरा व्यक्ति – कुंडली क्षेत्र में बेहद दयनीय स्थिति में मिला। एएसआई कृष्ण ने जिम्मेदारी संभाली और मेडिकल जांच के बाद उसे अपना घर पुठ खुर्द आश्रम भेजा।
✔ चौथी महिला – मामा-भांजा चौक पर देखी गई। समाजसेविका ममता सरोहा ने तुरंत 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। महिला को मेडिकल जांच के बाद आश्रम भेजा गया।
✔ पांचवीं महिला – राठधना के खेतों में मिली। समाजसेविका ममता शर्मा ने सेक्टर 27 थाने की मदद से महिला को मेडिकल जांच के बाद बुढ़पुर दिल्ली आश्रम भेजा।
✔ छठा व्यक्ति – ककरोई के पास मिला। एक अज्ञात व्यक्ति ने 112 पर कॉल कर सूचना दी। एएसआई मनजीत तिहाड़ और सदर थाना पुलिस की मदद से उसे आश्रम भेजा गया।
✔ सातवां व्यक्ति – मनजीत तिहाड़ को सड़क पर मिला। उन्होंने तुरंत 112 की मदद ली और मेडिकल के बाद व्यक्ति को सुरक्षित आश्रम भेजा।
✔ आठवां व्यक्ति – कबीरपुर गांव में मिला। संदीप ने इसकी सूचना सब-इंस्पेक्टर जगत सिंह को दी। पुलिस और समाजसेवियों ने मेडिकल कराकर व्यक्ति को आश्रम पहुंचाया। इस दौरान एसएचओ अशोक कुमार ने एंबुलेंस को हरी झंडी दी।
इनकी रही अहम भूमिका
इस मिशन को सफल बनाने में कई लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। एएसआई मनीषा, एएसआई मनीता, एएसआई कृष्ण, ममता सरोहा, ममता शर्मा, मनजीत तिहाड़, संदीप और एसएचओ अशोक कुमार ने बिना किसी स्वार्थ के इन बेसहारा लोगों की मदद की।
“यह अभियान न केवल बेसहारा लोगों को एक नई जिंदगी दे रहा है, बल्कि समाज को यह संदेश भी दे रहा है कि जब इंसान इंसान के काम आता है, तभी मानवता की असली पहचान होती है।”
मानवता का संदेश और समाज के लिए प्रेरणा
सोनीपत की यह पहल एक उदाहरण है कि यदि हम सब मिलकर आगे आएं, तो समाज से बेसहारा होने की समस्या काफी हद तक खत्म हो सकती है। पुलिस और समाजसेवियों का यह संयुक्त प्रयास आने वाले समय में और अधिक लोगों की जिंदगी बदल सकता है।