Sunday, October 19, 2025
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झारखंड विधानसभा में ‘गुरुजी’ को दी गई अंतिम विदाई, शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल देशभर के बड़े नेता

रांची, (वेब वार्ता)। झारखंड की राजनीति के जननायक, झामुमो के संस्थापक और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन को आज झारखंड विधानसभा में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। झारखंड के राजनीतिक इतिहास को आकार देने वाले इस युगपुरुष को ‘दिशोम गुरु’ के रूप में जाना जाता है। विधानसभा परिसर में आयोजित शोकसभा में शोक की लहर स्पष्ट रूप से महसूस की जा सकती थी। नेता, कार्यकर्ता और आमजन – सभी की आंखें नम थीं।


🏛️ विधानसभा परिसर में गूंजा – “वीर शिबू अमर रहें”

शिबू सोरेन की पार्थिव देह जब मोरहाबादी स्थित पैतृक आवास से झारखंड विधानसभा के लिए रवाना हुई, तो पूरा वातावरण “वीर शिबू अमर रहें” के नारों से गूंज उठा। झारखंड की धरती ने एक ऐसे सपूत को अंतिम विदाई दी, जिसने आदिवासियों, दलितों और वंचितों के अधिकारों के लिए अपना पूरा जीवन संघर्ष में समर्पित किया।


🙏 इन प्रमुख नेताओं ने अर्पित की श्रद्धांजलि

विधानसभा परिसर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में दो मिनट का मौन रखा गया। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में अनेक वरिष्ठ नेता और मंत्री शामिल रहे:

  • राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार

  • विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो

  • केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ

  • केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम

  • भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी

  • झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय सिंह, योगेंद्र प्रसाद, सुदिव्य सोनू, राधाकृष्ण किशोर

  • आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह


🚩 नेता विपक्ष से लेकर राष्ट्रीय दलों तक – श्रद्धांजलि का सिलसिला जारी

शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में देशभर के राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं। यह उनकी राजनीतिक विरासत और सामाजिक योगदान का प्रमाण है।

  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज दोपहर 1:45 बजे रांची पहुंचें और अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए 3:30 बजे नेमरा रवाना हुए।

  • राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी गुरुजी को अंतिम श्रद्धांजलि देने नेमरा पहुंचें।


📍 नेमरा गांव में हुआ अंतिम संस्कार

दिशोम गुरु का अंतिम संस्कार रामगढ़ जिले के उनके पैतृक गांव नेमरा में हुआ। प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए, पूरे क्षेत्र में शोक की गहरी लहर है।


🌿 गुरुजी की विरासत – सिर्फ राजनीतिक नहीं, सामाजिक भी

शिबू सोरेन न सिर्फ एक राजनेता थे, बल्कि एक विचारधारा, एक संघर्ष और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक भी थे। उनके जाने से झारखंड ने एक अभिभावक, एक मार्गदर्शक और एक योद्धा खो दिया है।

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