भरतपुर, 19 मई (वेब वार्ता)। पूर्व मंत्री और भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वेन्द्र सिंह ने वरिष्ठ नागरिक के रूप में भरण पोषण खर्च की मांग करते हुए अपनी पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह और पुत्र अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ उपखंड अधिकारी के ट्रिब्युनल में प्रार्थना-पत्र पेश किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी और बेटे ने उनके साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि उन्हें भरपेट खाना भी नहीं मिलता है और इसी स्थिति से तंग आकर उन्होंने घर छोड़ दिया।
प्रार्थना-पत्र में विश्वेन्द्र सिंह ने मांग की है कि उनकी पत्नी और बेटे से पांच लाख रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण खर्च दिलाया जाए और मोती महल, कोठी दरबार निवास आदि को खाली कराया जाए। उन्होंने लिखा है कि वे वरिष्ठ नागरिक हैं और हृदय रोग से पीड़ित हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें लोगों से मिलने नहीं दिया जाता, जिससे वे खानाबदोश हो गए हैं।
परिवाद में यह भी उल्लेख किया गया है कि निर्वाचन क्षेत्र से आने वाले लोगों को उनसे मिलने नहीं दिया जाता और बिना अनुमति उनका बाहर आना-जाना भी बंद कर दिया गया है। उनकी गाड़ी का ड्राइवर भी हटा दिया गया है। विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी जान को खतरा बताते हुए आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और बेटे ने संपत्ति हड़पने का प्रयास किया और उनके साथ मारपीट की, जिससे उन्हें एक कमरे तक सीमित कर दिया गया है।
मामले मे अनिरुद्ध सिंह ने सभी आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि उनके पास फाइनेंशियल फ्रॉड और संपत्ति को गलत तरीके से बेचने के साक्ष्य हैं, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर एसडीएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सच्चाई जल्द ही सबके सामने आएगी और यह पारिवारिक मामला जल्द सुलझ जाएगा। इन गंभीर आरोपों पर जवाब देने के लिए उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुलाई है।
भरतपुर के शाही परिवार में इस मामले से हलचल पैदा हो गई है। राजपरिवार की आंतरिक समस्याएं अब सार्वजनिक हो गई हैं, जिसकी क्षेत्र में व्यापक चर्चा हो रही है। मामले की अगली सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है।