हैदराबाद, (वेब वार्ता)। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI), भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान, कुंडली (NIFTEM-K) ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हैदराबाद (IIIT-H) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद (IIT-H) के साथ रणनीतिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी शोध, नवाचार, अकादमिक आदान-प्रदान, और मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देगी, विशेष रूप से खाद्य प्रौद्योगिकी, डिजिटल रूपांतरण, और संबद्ध क्षेत्रों में।
हस्ताक्षर समारोह में डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय (निदेशक, NIFTEM-K), प्रो. संदीप कुमार शुक्ला (निदेशक, IIIT-H), और प्रो. बी. एस. मूर्ति (निदेशक, IIT-H) उपस्थित रहे। यह MoU भारत के खाद्य नवाचार इकोसिस्टम को मजबूत करने का मील का पत्थर है।
MoU का उद्देश्य: अंतरविषयक शोध और नवाचार को बढ़ावा
ये समझौते तीनों संस्थानों की विशेषज्ञता को जोड़कर उद्योग-सरकार चुनौतियों का समाधान करेंगे। NIFTEM-K की खाद्य विज्ञान, IIIT-H की तकनीकी उत्कृष्टता, और IIT-H की अनुसंधान क्षमता से टिकाऊ खाद्य समाधान विकसित होंगे।
डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय ने कहा:
“ये सहयोग खाद्य प्रौद्योगिकी और डिजिटल नवाचार के बीच दूरी कम करेंगे। छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्योगों के लिए नए अवसर सृजित होंगे।”
सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
क्षेत्र | विवरण |
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शोध एवं विकास (R&D) | उद्योग-सरकार प्रोजेक्ट, पेटेंट, प्रकाशन |
क्षमता निर्माण | कार्यशाला, सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यक्रम |
इंटर्नशिप और प्लेसमेंट | छात्रों के लिए अवसर, उद्योग से जुड़ाव |
संयुक्त प्रमाणपत्र | ऑनलाइन/ऑफलाइन कार्यक्रम, उद्योग-तैयार कौशल |
हस्ताक्षर समारोह: संस्थानों की विशेषज्ञता का समावेश
समारोह में हस्ताक्षर के बाद चर्चा हुई कि यह साझेदारी फूड इनोवेशन को सशक्त बनाएगी। IIIT-H की डेटा एनालिटिक्स, IIT-H की इंजीनियरिंग, और NIFTEM-K की खाद्य प्रसंस्करण से उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
प्रो. संदीप कुमार शुक्ला ने कहा:
“डिजिटल टूल्स से खाद्य क्षेत्र क्रांतिकारी होगा।”
नवाचार में योगदान दें
NIFTEM-K ने अपील की: “छात्र और उद्यमी सहयोग करें।” अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहें।