नरवाना, रजनीकांत चौधरी (वेब वार्ता)। मानसिक स्वास्थ्य हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने की क्षमता प्रदान करता है। यह न केवल जीवन के तनावों से निपटने में मदद करता है, बल्कि हमारी क्षमताओं का उपयोग करने, दूसरों से जुड़ने, भावनाओं को प्रबंधित करने और सामाजिक परिस्थितियों को संभालने में भी सक्षम बनाता है। साथ ही, यह शिक्षा, निजी जीवन और घरेलू कार्यों में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करता है। ये बातें आज गाँव भीखेवाला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित एक सेमिनार में कही गईं। सेमिनार का आयोजन हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय परियोजना ‘बाल सलाह, परामर्श व कल्याण केंद्र’ के तत्वावधान में किया गया था। विषय था – मानसिक स्वास्थ्य: हमसमूह और सोशल मीडिया का प्रभाव।
सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने किशोर छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “किशोरावस्था निरंतर परिवर्तन और विकास की उम्र है। इस दौरान हार्मोन्स और भावनाओं का प्रभाव बढ़ता है, जिससे विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण भी बढ़ जाता है। ऐसे में, हमसमूह और सोशल मीडिया का प्रभाव मन पर कैसे असर डालता है, यह समझना बहुत जरूरी है।”
अनिल मलिक ने आगे बताया कि सकारात्मक हमसमूह जीवन में तरक्की की राह दिखा सकता है, लेकिन नकारात्मक प्रभाव वाले साथी रूढ़िवादी सोच, भेदभाव, बहिष्कार और मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को कलंक की तरह देखने की प्रवृत्ति पैदा कर सकते हैं। वे गलत सूचनाओं या षड्यंत्र की भावना को भी बढ़ावा दे सकते हैं। इसी तरह, सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव चिंता, अकेलापन, अवसाद, आत्मसम्मान की कमी, शरीर की नकारात्मक छवि, तुलना की भावना, बुरी आदतें, साइबर बुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न का कारण बन सकते हैं।
उन्होंने सलाह दी कि सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों से जागरूक रहें और इसका जिम्मेदारी से उपयोग करें। हमसमूह में सकारात्मक शैली को बढ़ावा दें, नकारात्मक विचारों को साझा करने से बचें, एक-दूसरे का सहयोग, समर्थन और प्रोत्साहन करें। प्रेम, दया, करुणा, सहयोग, प्रेरणा जैसी भावनाओं को बनाए रखें। धैर्य से सुनने, सीखने और बोलने का अवसर दें। बेहतर योजनाएं बनाएं, निर्णय लें और समय प्रबंधन की क्षमता बढ़ाएं।
परामर्शदाता की सलाह: संवाद और संवेदनशीलता की जरूरत
परामर्शदाता नीरज कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “दिल खोलकर अपने माता-पिता से संवाद कीजिए। आस-पास के वातावरण के प्रति संवेदनशील बने रहें और सही-गलत को समझने का ज्ञान विकसित करें।” उन्होंने जोर दिया कि मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए परिवार और समाज से जुड़ाव आवश्यक है।
प्राचार्य का संदेश: स्व-प्रेरणा और दृढ़ इच्छाशक्ति
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य सोविंदर सिंह नैन ने कहा, “मनोवैज्ञानिक शक्ति स्व-प्रेरणा और सकारात्मक बदलाव पैदा करती है। दृढ़ इच्छाशक्ति जीवन की तरक्की के लिए जरूरी है।” उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे चुनौतियों का सामना मजबूती से करें।
सेमिनार में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य लाजपतराय सिंगला और नीरज कुमार की विशेष उपस्थिति रही। इसके अलावा, शिक्षकगण कमलेश, जोगिंद्र सिंह, सतबीर सिंह, मेघनाथ, रोशनी, श्वेता, ममता, रामफल और मनीष भी मौजूद थे। कार्यक्रम ने किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह सेमिनार न केवल छात्रों के लिए उपयोगी साबित हुआ, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर खुली चर्चा को प्रोत्साहित करने वाला भी रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजन युवाओं को सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों से बचाने और सकारात्मक हमसमूह बनाने में सहायक होते हैं।