नरवाना (जींद), रजनीकांत चौधरी (वेब वार्ता)। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय परियोजना के तहत नरवाना उपमंडल के गांव बड़नपुर स्थित पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में किशोर विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों के लिए 184वां राज्यस्तरीय और 71वां जिला स्तरीय बाल सलाह, परामर्श और कल्याण केंद्र की स्थापना की गई। इस अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: किशोरावस्था के परिवर्तन और चुनौतियों को समझना विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार में मुख्य संदेश: मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
सेमिनार के मुख्य वक्ता, मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने अपने संबोधन में किशोरावस्था को एक अनोखा, जिज्ञासाभरा और रचनात्मक समय बताया। उन्होंने कहा, “किशोरावस्था में शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक परिवर्तन के साथ-साथ दुर्व्यवहार, हिंसा और शोषण जैसी चुनौतियां भी सामने आती हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकती हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि खुद को समझना, मन में उठने वाले सवालों के जवाब ढूंढना और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है।
अनिल मलिक ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति है जो यह निर्धारित करती है कि हम कैसे सोचते, महसूस करते और कार्य करते हैं। अच्छा मानसिक स्वास्थ्य जीवन की चुनौतियों का सामना करने, अपनी कमजोरियों और क्षमताओं को पहचानने, तनाव को संभालने, स्वस्थ रिश्ते बनाने और सामाजिक संबंध स्थापित करने में मदद करता है। किशोरावस्था में संज्ञानात्मक परिवर्तन के दौरान तार्किक और जटिल सोच का विकास होता है, जो आत्म-पहचान और मूल्यों को आकार देने में सहायक होता है।
किशोरों की चुनौतियां और समाधान
मलिक ने किशोरों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों जैसे भावनात्मक उतार-चढ़ाव, पहचान का संकट, साथियों का दबाव, सोशल मीडिया का नकारात्मक प्रभाव, हार्मोनल बदलाव, और नशे या गलत आदतों की प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि किशोरों को अपनी स्थिति को समझने, सामाजिक परिवेश का मूल्यांकन करने और आत्म-प्रेरणा के माध्यम से समस्याओं का समाधान करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, “निरंतर सवाल पूछें, समाधान ढूंढें और मनोवैज्ञानिक तरीकों से हर चुनौती का सामना करें।”
परामर्शदाता नीरज कुमार ने किशोरों को सलाह दी कि वे अपनी रुचियों को समझें, दैनिक कार्यों में ध्यान लगाएं और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और सकारात्मक सोच मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हैं।
प्राचार्य का दृष्टिकोण: परामर्श सेवाओं से नई उम्मीद
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य संजय चौधरी ने कहा, “मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाएं किशोरों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई हैं। इन सेवाओं के मार्गदर्शन से किशोरों को सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।” उन्होंने हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की इस पहल की सराहना की और इसे किशोरों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम में उपस्थिति
इस अवसर पर राजेश श्योकंद, आशा, और हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य नीरज कुमार, मनीष सहित विद्यालय के सभी शिक्षकों और अभिभावकों की विशेष उपस्थिति रही। कार्यक्रम में किशोरों और उनके अभिभावकों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित सवालों पर चर्चा की।
निष्कर्ष: किशोरों के लिए सशक्त भविष्य की दिशा में कदम
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की यह पहल किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके समग्र विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नरवाना में स्थापित यह परामर्श केंद्र किशोरों को उनकी चुनौतियों से निपटने और सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगा। इस तरह के प्रयास न केवल किशोरों को सशक्त बनाएंगे, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाएंगे।