श्रीनगर, (वेब वार्ता)। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद पांच विधायकों को नामित करने के केंद्र के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों का खुला उल्लंघन बताया।
महबूबा ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “चुनाव संपन्न होने के बाद जम्मू-कश्मीर में 5 विधायकों को नामित करने का केंद्र का निर्णय लोकतांत्रिक सिद्धांतों का खुला उल्लंघन है। देश के किसी और हिस्से में केंद्र जनता के जनादेश को दरकिनार कर अपने मनमुताबिक विधायकों को नहीं चुनता।”
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, जो भारत का एकमात्र मुस्लिम बहुल केंद्रशासित प्रदेश है और लंबे समय से संघर्ष का सामना करता रहा है, वहां इस तरह का निर्णय शासन से अधिक नियंत्रण की भावना को दर्शाता है। महबूबा ने इसे राज्य के विशेष दर्जे का अवैध विभाजन, विषम परिसीमन और भेदभावपूर्ण सीट आरक्षण के बाद लोकतंत्र पर एक और बड़ा आघात बताया।
महबूबा ने जोर देकर कहा कि प्रतिनिधित्व जनता के वोट से आना चाहिए, न कि केंद्र सरकार के आदेश से। उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, “इसे आदर्श नहीं बनने दिया जा सकता। आशा है कि उमर अब्दुल्ला सरकार इस अलोकतांत्रिक मिसाल को चुनौती देकर इस अवसर का लाभ उठाएगी, क्योंकि अभी चुप रहना बाद में मिलीभगत होगा।”
पिछले साल जम्मू-कश्मीर में 10 वर्षों बाद विधानसभा चुनाव हुए थे। चुनाव परिणामों के अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने 42, कांग्रेस ने 6 और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 28 सीटें जीतीं। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 सीटों का बहुमत आवश्यक होता है।
GOIs decision to nominate 5 MLAs in J&K after holding elections is a blatant subversion of democratic principles. Nowhere else in the country does the Centre handpick legislators to override the public mandate. In India’s only Muslim-majority region, long marred by conflict, this…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 11, 2025