यादगिर (कर्नाटक), (वेब वार्ता)। कर्नाटक के यादगिर जिले के एक सरकारी आवासीय विद्यालय में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ नौवीं कक्षा की एक 17 वर्षीया छात्रा ने स्कूल के शौचालय में एक जीवित बच्चे को जन्म दिया। इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही और बाल संरक्षण प्रणाली में गंभीर चूक पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना 27 अगस्त को दोपहर करीब दो बजे शाहपुर तालुक के आवासीय विद्यालय में घटी। जब छात्रा को प्रसव पीड़ा से कराहते हुए उसकी सहपाठियों ने देखा, तब उन्होंने स्कूल प्रशासन को सूचित किया।
पीड़िता ने दिया ‘यौन उत्पीड़न’ का हवाला
पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, यह किशोरी पूर्ण गर्भावस्था (9 महीने) में थी। पूछताछ में उसने बताया कि लगभग नौ महीने पहले एक अज्ञात व्यक्ति ने उसका यौन उत्पीड़न किया था। शुरुआत में, वह “बेहद तनाव” में थी और घटना या आरोपी के बारे में कुछ बताने से इनकार कर रही थी। उसने अधिकारियों से केवल इतना कहा कि शौचालय में उसे पेट में तेज दर्द हुआ और उसने वहीं बच्चे को जन्म दे दिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “लड़की के पूरी तरह से ठीक होने और डॉक्टरों द्वारा फिट घोषित किए जाने के बाद उसकी काउंसलिंग की जाएगी। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि वास्तव में क्या हुआ था और क्या वह आरोपी को जानती है।”
स्कूल स्टाफ और परिवार की लापरवाही पर उठे सवाल
जांच में पता चला है कि स्कूल प्रशासन या यहाँ तक कि पीड़िता के भाई ने भी, जिसे प्रसव के तुरंत बाद सूचित किया गया था, इस घटना की सूचना तुरंत पुलिस या अन्य अधिकारियों को नहीं दी। इस गंभीर लापरवाही के चलते, जिला बाल संरक्षण अधिकारी की शिकायत पर न केवल अज्ञात आरोपी के खिलाफ, बल्कि स्कूल स्टाफ और भाई के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
आरोपी के खिलाफ: POCSO अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की relevant धाराओं के तहत मामला दर्ज।
स्कूल स्टाफ के खिलाफ: छात्रावास वार्डन, प्राचार्य, स्टाफ नर्स और पीड़िता के भाई के खिलाफ गर्भावस्था की सूचना न देने के आरोप में मामला दर्ज।
निलंबन और कार्रवाई
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए, कर्नाटक आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसाइटी (KREIS) ने विद्यार्थियों की शैक्षिक और स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी में कथित लापरवाही और कर्तव्यहीनता के आरोप में प्रधानाचार्य, छात्रावास वार्डन और दो अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
पुलिस ने यह भी बताया कि लड़की इस शैक्षणिक वर्ष के दौरान नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित भी नहीं हो रही थी, जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया। लड़की और नवजात दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।