कोलकाता, (वेब वार्ता)। पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से एक बेहद मार्मिक और दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जहां एक ई-रिक्शा चालक ने अपनी सतर्कता और संवेदनशीलता से एक नवजात बच्ची की जान बचा ली। यह घटना हावड़ा के बाली क्षेत्र स्थित पंचनंतला इलाके की है, जहां निवेदिता सेतु के नीचे स्थित कूड़े के ढेर में लावारिस हालत में एक नवजात बच्ची पाई गई।
ई-रिक्शा चालक बना मसीहा
ई-रिक्शा चालक चंदन मलिक, जो रोज की तरह अपनी सवारी लेकर निकल रहे थे, उन्हें कूड़े के ढेर के पास कुछ असामान्य हलचल का आभास हुआ। जब वे वहां पहुंचे, तो देखा कि एक नवजात बच्ची कूड़े के ढेर में पड़ी हुई थी। बच्ची की हालत बेहद नाजुक थी, उसके शरीर पर कीड़े पड़ने लगे थे और वह कई घंटों से उस हालात में पड़ी थी।
समय रहते लिया बड़ा कदम
चंदन मलिक ने तत्काल राहगीरों की मदद ली और बिना किसी देरी के बच्ची को पास के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया, जहां बच्ची का इलाज जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की हालत अब स्थिर है और उसे विशेष निगरानी में रखा गया है।
चंदन मलिक का बयान
मीडिया से बात करते हुए चंदन मलिक ने कहा—
“ऐसा लग रहा था कि बच्ची कम से कम तीन-चार घंटे से वहां पड़ी थी। उसके शरीर पर कीड़े जमा होने लगे थे। हमने उसे अस्पताल ले जाने का फैसला किया। यह घिनौना कृत्य करने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए।”
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को छोड़ने वाले व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किसने इस अमानवीय कार्य को अंजाम दिया।
समाज के लिए संदेश
यह घटना जहां एक ओर इंसानियत को शर्मसार करने वाली है, वहीं चंदन मलिक जैसे आम नागरिकों की सजगता और दयालुता समाज को एक नई दिशा देती है। ऐसे उदाहरण यह सिद्ध करते हैं कि इंसानियत अभी भी जिंदा है।