भिवानी, रजनीकांत चौधरी (वेब वार्ता)। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय परियोजना बाल सलाह, परामर्श व कल्याण केंद्र के तत्वावधान में ढाणी हनुमान स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय था –
“एक जैसी शिक्षा, एक जैसी सलाह, एक जैसी अपेक्षाएं – सिर्फ़ बेटी से ही क्यों, बेटे से क्यों नहीं?”
कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता को खत्म कर समान अवसर प्रदान करना था। इस मौके पर मुख्य वक्ता अनिल मलिक (मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी, रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी) ने कहा:
“लैंगिक समानता सतत विकास के लिए ज़रूरी है। भेदभाव मिटाकर ही तरक़्क़ी हासिल की जा सकती है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि लैंगिक भेदभाव, यौन हिंसा, घरेलू कार्यों में असमानता जैसी समस्याएं सामाजिक प्रगति में बड़ी बाधा हैं। बाल यौन शोषण, महिला उत्पीड़न, कन्या भ्रूण हत्या, महिला शिक्षा और सशक्तिकरण जैसे मुद्दे अभी भी गंभीर चुनौती बने हुए हैं।
मुख्य बिंदु जो सामने आए:
समाज में समानता लाने के लिए व्यवहारिक कदम उठाने होंगे।
सामाजिक जागरूकता, साहसिक पहल और नकारात्मक सोच से दूरी ज़रूरी है।
किशोरों के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाई जाए।
सोशल मीडिया का संतुलित उपयोग, समय का सही प्रबंधन और आत्म-सुधार को अपनाना चाहिए।
सेमिनार में परामर्शदाता नीरज कुमार ने कहा कि लैंगिक भेदभाव से हटकर समानता का दृष्टिकोण अपनाकर ही सामाजिक समस्याओं का समाधान संभव है।
अध्यक्षता व आयोजन टीम:
कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता जिला बाल कल्याण अधिकारी ओमप्रकाश एवं प्राचार्या सुनीता सैनी ने की। आयोजन में तृप्ति श्योरण (कार्यक्रम अधिकारी) और नीरज कुमार (आजीवन सदस्य) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेष उपस्थिति में सतीश शास्त्री, सुदेश, सुषमा, विनोद कौशिक, अमित, एवं छात्राओं में शिवानी, भारती शर्मा और प्रदीप शामिल रहे।