देहरादून, वेब वार्ता। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पुलिस ने अवैध घुसपैठ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए थाना पटेलनगर क्षेत्र से दो बांग्लादेशी मूल की महिलाओं को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ऑपरेशन कालनेमि के तहत की गई, जिसमें स्थानीय पुलिस, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू), और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) की संयुक्त टीम ने पूजा विहार चंद्रबनी इलाके में छापेमारी की। गिरफ्तार महिलाओं ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वे पश्चिम बंगाल बॉर्डर से अवैध रूप से भारतीय सीमा में घुसपैठ करके आई थीं। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि दोनों महिलाएं लगभग 6-7 महीनों से देहरादून में छिपकर रह रही थीं और स्थानीय स्तर पर काम कर रही थीं।
ऑपरेशन कालनेमि: अवैध घुसपैठियों पर शिकंजा
देहरादून पुलिस ने हाल ही में बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध प्रवास पर नकेल कसने के लिए ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया है। इस अभियान के तहत संदिग्धों की सघन चेकिंग की जा रही है। गिरफ्तार महिलाओं की पहचान यास्मीन पुत्री मोहम्मद तोहिद मियां और राशिदा बेगम पुत्री मौहम्मद उल्ला के रूप में हुई है। दोनों बांग्लादेश की मूल निवासी हैं और उनके पास से बांग्लादेशी पहचान पत्र तथा अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि महिलाओं को पकड़ने की सूचना खुफिया तंत्र से मिली थी। पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि वे सात महीने पहले बंगाल के एक एजेंट की मदद से बॉर्डर क्रॉस करके भारत में दाखिल हुई थीं। देहरादून पहुंचने के बाद वे नाम बदलकर स्थानीय निवासी बनकर रह रही थीं। पुलिस ने दोनों को अवैध प्रवास के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है और नियमानुसार उन्हें बांग्लादेश वापस भेजने (डिपोर्ट) की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पूछताछ में खुलासे: बॉर्डर क्रॉसिंग और स्थानीय जीवन
पुलिस पूछताछ के दौरान महिलाओं ने बताया कि वे आर्थिक तंगी के कारण बांग्लादेश से भारत आई थीं। पश्चिम बंगाल बॉर्डर से अवैध घुसपैठ करने के बाद वे विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए देहरादून पहुंचीं। यहां पूजा विहार चंद्रबनी इलाके में किराए के मकान में रहकर छोटे-मोटे काम कर रही थीं। उनके पास भारतीय नागरिकता या वैध वीजा का कोई प्रमाण नहीं था। एसएसपी ने कहा कि यह कार्रवाई अवैध प्रवासियों को चिह्नित करने और उन्हें डिपोर्ट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इससे पहले भी देहरादून में इसी अभियान के तहत कई बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, ऑपरेशन कालनेमि के तहत अब तक देहरादून में अवैध रूप से निवास कर रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया गया है, जबकि सात के खिलाफ अभियोग दर्ज कर जेल भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि यह अभियान जारी रहेगा और संदिग्धों की सत्यापन प्रक्रिया तेज की जाएगी।
पुलिस की सतर्कता: अवैध घुसपैठ पर अंकुश
उत्तराखंड पुलिस अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सतर्कता बरत रही है, खासकर बॉर्डर राज्यों से जुड़े मामलों में। देहरादून जैसे शहरों में बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध निवास की खबरें बढ़ रही हैं, जिसके चलते खुफिया तंत्र सक्रिय है। एसएसपी ने अपील की कि नागरिक यदि कोई संदिग्ध गतिविधि देखें तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस कार्रवाई से स्थानीय स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने की उम्मीद है।
यह घटना उत्तर भारत में बांग्लादेशी घुसपैठ के बढ़ते मामलों को उजागर करती है, जहां पश्चिम बंगाल बॉर्डर से अवैध प्रवेश आम हो गया है। पुलिस ने महिलाओं को कोतवाली में रखा है और आगे की पूछताछ जारी है। डिपोर्ट प्रक्रिया में बीएसएफ और अन्य एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा।