यमुनानगर, राजेश आहूजा/संजीव ओबेरॉय (वेब वार्ता)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 12 सितंबर 2025 को यमुनानगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने स्वयं ट्रैक्टर चलाकर बम्भोली, बीबीपुर, ओदरी, लापरा, और कमालपुर जैसे गाँवों में जाकर किसानों और स्थानीय लोगों की समस्याएँ सुनीं। इस दौरान उनके साथ स्थानीय सांसद वरुण मुलाना भी मौजूद रहे। हुड्डा ने बीजेपी सरकार से हरियाणा को बाढ़ग्रस्त राज्य घोषित करने और केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग की।
बाढ़ से भारी तबाही : 17 लाख एकड़ फसल बर्बाद
हुड्डा ने बताया कि इस साल की बाढ़ ने हरियाणा में भारी तबाही मचाई है। करीब 17 लाख एकड़ में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। लगभग 5,000 गाँव, 11 शहर, 72 कस्बे, और सैकड़ों वार्ड बाढ़ की चपेट में हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति 1995 की बाढ़ से भी अधिक गंभीर है। गन्ने की फसल जड़ों से उखड़ गई है, धान सहित अन्य फसलें जलभराव में नष्ट हो गई हैं, और खेतों में भारी मात्रा में रेत जमा हो गई है, जिससे अगले सीजन की फसल की संभावना भी खत्म हो गई है।
हुड्डा ने अवैध खनन को इस तबाही का बड़ा कारण बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण में खनन माफियाओं ने यमुना नदी का रुख बदल दिया, जिसके चलते कई गाँव हर साल बाढ़ का शिकार हो रहे हैं।
मुआवजे की मांग: 60-70 हजार रुपये प्रति एकड़
यमुनानगर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हुड्डा ने बीजेपी सरकार द्वारा घोषित मुआवजे को अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा कि यह “ऊँट के मुँह में जीरा” जैसा है। उन्होंने मांग की कि किसानों को कम से कम 60,000 से 70,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। साथ ही, हजारों मकानों, दुकानों, और अन्य इमारतों को हुए नुकसान की भी भरपाई की जाए।
हुड्डा ने सरकार पर पोर्टल के जरिए मुआवजा प्रक्रिया को जटिल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब पराली जलाने के मामले में सरकार सैटेलाइट इमेज का उपयोग कर सकती है, तो बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन क्यों नहीं कर सकती? सरकार को तुरंत विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को आर्थिक मदद देनी चाहिए।”
केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना
हुड्डा ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, लेकिन हरियाणा की अनदेखी की। उन्होंने इसे राज्य सरकार की नाकामी बताया। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार हरियाणा के लिए तुरंत विशेष राहत पैकेज की घोषणा करे।
गन्ने के रेट और उद्योगों पर चिंता
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि किसानों पर महंगाई, बढ़ती लागत, और प्राकृतिक आपदाओं की मार पड़ रही है। उन्होंने गन्ने का न्यूनतम मूल्य बढ़ाकर 500 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की। साथ ही, यमुनानगर से छोटे उद्योगों के पलायन पर चिंता जताते हुए कारोबारियों से यहीं रहने की अपील की। उन्होंने वादा किया कि वे हर मंच पर उद्योगपतियों की आवाज उठाएँगे और हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह रियायतें व सुविधाएँ देने की मांग करेंगे।
दौरा और उपस्थिति
दौरे के दौरान हुड्डा के साथ सांसद वरुण चौधरी, आफताब अहमद, कैलास सैनी, लहरी सिंह, उमेश बुबका, राजकुमार खुर्दबन, सतीश सांगवान, अर्जुन सिंह, राजपाल बुखरी, रमन त्यागी, चान्दवीर हुड्डा, सुरेश खुर्दबन, बलिंदर सिंह, जगबीर रूला खेड़ी, रोशन लाल, जाकिर हुसैन, सतपाल, राजकुमार त्यागी, कश्मीरा सिंह, कमल विनायक, अमनदीप सिंह, आस मोहम्मद, सरपंच समय सिंह चंदर, अरशद पोसवाल, लूज़र इनाम, जोगा सिंगला, नरिंदर भोला, आर्यन गुजर, सतपाल ढग्गा, और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।