पटना, (वेब वार्ता)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गांधी मैदान में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा चयनित 51,389 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कई शिक्षकों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र सौंपा, जिनमें नूतन कुमारी, आरती कुमारी, वर्षा राज, खुशबू कुमारी, पंकज कुमार, सानिया परवीन, काजल कुमारी, आशुतोष आनंद, आनंद और मिश्रा खुशबू सुनील जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज जिन 51,389 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, वह राज्य के शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करेंगे और बच्चों के भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि आप सबको बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और उनके सर्वांगीण विकास में अपना योगदान देना चाहिए। बच्चों को अच्छे से पढ़ाइए। शिक्षा में किसी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए, यह हम सभी का कर्तव्य है।”
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम सुधार किए हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अब तक कुल दो लाख 68 हजार 548 नए शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है। वर्ष 2023 में पहले और दूसरे चरण में 1,20,336 और 94,833 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इसके बाद, तीसरे चरण में आज 51,389 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में 42,918 हेडमास्टर भी चयनित हुए हैं, जिन्हें अगले महीने नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले पंचायतों और नगर निकायों के माध्यम से नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन अब बीपीएससी के माध्यम से उन्हें राज्य कर्मी नाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करीब 28 हजार नियोजित शिक्षक बीपीएससी परीक्षा में सफल होकर सरकारी शिक्षक बन चुके हैं। इसके अलावा दो लाख 53 हजार 961 नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के जरिए सरकारी शिक्षक बना दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 86 हजार 39 नियोजित शिक्षक बच गए हैं, जिन्हें ती और अवसर दिए जाएंगे।”
महिला शिक्षा और समाज में सुधार
मुख्यमंत्री ने महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए कार्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लड़कियों के लिए पोशाक योजना, साइकिल योजना और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना जैसी योजनाओं के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया गया है। 12वीं परीक्षा पास करने वाली लड़कियों को पहले 10 हजार रुपये दिए जाते थे, जिसे अब बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया है। ग्रेजुएट लड़कियों को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
शिक्षा पर बजट खर्च में बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य के शिक्षा बजट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की गई है। पहले शिक्षा पर बहुत कम खर्च किया जाता था, लेकिन अब राज्य के बजट का लगभग 22 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है, और इसे भविष्य में और बढ़ाने की योजना है। मुख्यमंत्री ने बिहार लोक सेवा आयोग और शिक्षा विभाग की सराहना की, जिन्होंने समय पर और कुशलतापूर्वक अपने कार्यों को पूरा किया। उन्होंने अंत में सभी नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई दी और उन्हें उनके भविष्य के कार्यों के लिए शुभकामनाएं दीं। इस कार्यक्रम ने बिहार के शिक्षा क्षेत्र में किए गए सुधारों और नवनियुक्त शिक्षकों के योगदान को रेखांकित किया। यह कदम राज्य के शिक्षा क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने और बिहार के बच्चों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।