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कश्मीरी गेट पर सॉफ्टवेयर आधारित तकनीक से होगा बसों का प्रबंधन

-बस-बे प्रणाली लागू करने का काम शुरू, ट्रैफिक की भीड़ होगी कम, परिचालन दक्षता में भी होगा सुधार

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राष्ट्रीय राजधानी के बस अड्डों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। सॉफ्टवेयर आधारित तकनीक से बसों का प्रबंधन होगा। इसकी शुरुआत कश्मीरी गेट बस अड्डे से होगी। यहां पर स्वचालित बस-बे प्रबंधन प्रणाली लागू करने का काम शुरू कर दिया है। इसमें डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, एसएमएस सिस्टम और तेज बस संचलन शामिल है। नई प्रणाली का उद्देश्य ट्रैफिक की भीड़ को कम करना और परिचालन दक्षता में सुधार करना है। एक नया फास्टैग सिस्टम वाहन के प्रवेश और निकास को नियंत्रित करेगा। इस परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के रूप में विकसित किया जाएगा।

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली प्रतीक्षारत बसों को स्वचालित रूप से बस-बे आवंटित करेगी। यदि बस अपने आवंटित हिस्से में अधिक समय तक रुकती हैं तो उस पर कार्रवाई के तौर पर जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही, एकीकृत यात्री सूचना प्रणाली भी होगी जो बसों की समयसारिणी, आगमन, देरी और बस ऑपरेटरों के विवरण के बारे में जानकारी देगी। बस अड्डे पर जगह-जगह स्क्रीन लगाई जाएगी। इसमें बसों से जुड़ी जानकारी होगी। जिस तरह से एयरपोर्ट पर यात्रियों को उड़ानों के बारे में जानकारी दी जाती है, उसी तरह से बस अड्डे पर जानकारी दी जाएगी और उसे समय-समय पर अपडेट भी किया जाएगा।

यात्रियों को वास्तविक समय की मिलेगी जानकारी

परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि उन्नत तकनीकी प्रणाली को कई परिचालन चुनौतियों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें ट्रैफिक दबाव को कम करना और उपलब्ध स्थान का बेहतर उपयोग करना शामिल है। यह तकनीक यात्रियों को वास्तविक समय में अपडेट और जानकारी देगी। इसके अलावा वाहन के प्रवेश और निकास को नियंत्रित करने के लिए फास्टैग प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, जिससे टर्मिनल के माध्यम से सुचारू आवागमन सुनिश्चित होगा। व्यवस्था को लागू करने के लिए दिल्ली परिवहन अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड ने तकनीक के डिजाइन, आपूर्ति, स्थापना और रखरखाव के लिए निविदा जारी की है। यह योजना काफी समय से लंबित थी। विधानसभा चुनाव के कारण इस पर काम नहीं हो सका। ऐसे में अब इसे जल्द लागू किया जाएगा।

2600 से अधिक बसों की होती है आवाजाही

कश्मीरी गेट बस अड्डे पर रोजाना 2,600 से अधिक बसों की आवाजाही होती है। इसमें 1,300 अंतरराज्यीय बसें, 1,200 दिल्ली परिवहन निगम व क्लस्टर की बसें और लगभग 100 निजी परमिट वाली बसें शामिल हैं। बस अड्डे के आसपास और अंदर अव्यवस्था के कारण अंतरराज्यीय बसों को वापस आने में 45-60 मिनट लगते हैं, जिससे भीड़भाड़ हो जाती है। बता दें कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले साल बस अड्डे का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने पाया था कि अंतरराज्यीय बसों के टर्मिनल के अंदर स्टैंड से आने-जाने में लगने वाला समय 45 मिनट से लेकर एक घंटे तक का है। इससे आईएसबीटी के बाहर भारी भीड़भाड़ होती है। उपराज्यपाल ने खराब रखरखाव, साफ-सफाई और अनधिकृत विक्रेताओं द्वारा मार्गों के अतिक्रमण को देखते हुए स्थिति पर अधिकारियों को बस अड्डे का कायाकल्प करने का निर्देश दिया था।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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