सिवनी, (वेब वार्ता)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के हवाला लूट कांड में सीएम मोहन यादव के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई की गई है। सीएम के निर्देश के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसडीओपी पूजा पांडे समेत कुल 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर डकैती, गलत तरीके से रोकना, अपहरण और आपराधिक षड़यंत्र रचने के गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 310(2), 126(2), 140(3) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर लखनवाड़ा थाने में दर्ज हुई है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों को बक्शा नहीं जाएगा। जो भी ऐसा का करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एमपी सरकार नागरिकों की सुरक्षा के लिए और उनके अधिकारों को सुरक्षित रखने की दिशा में काम कर रही है। कानून का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर होने जा रही कार्रवाई मिसाल बनेगी। उन्होंने कहा कि अपराध मुक्त मध्यप्रदेश और नागरिकों की सुरक्षा हमारा संकल्प है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सख्त निर्देशों के बाद इस प्रकरण में SDOP पूजा पांडे समेत पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, छह आरोपी पुलिसकर्मी अब भी फरार हैं जिनकी तलाश में टीमें लगातार छापामारी कर रही हैं।
गिरफ्तार आरोपी
इस मामले में अब तक SDOP पूजा पांडे, SI अर्पित भैरम, आरक्षक योगेंद्र, नीरज और जगदीश शामिल को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि प्रधान आरक्षक माखन, राजेश जंघेला, रविंद्र उइके, आरक्षक रितेश वर्मा, SAF आरक्षक केदार और सुभाष सदाफल अब भी फरार हैं।
वहीं करीब पांच अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। ये सभी बर्तन के कारोबार से जुड़े हुए हैं और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं जिले के बड़े अफसरों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पुलिस वालों पर आरोप है कि उन्होंने हवाला की रकम में गड़बड़ी (खुर्दबुर्द) की। एसडीओपी पूजा पांडेय को जानकारी मिली थी कि एक कार में करीब 3 करोड़ रुपये ले जाए जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम के साथ रात करीब डेढ़ बजे सीलादेही में नाका लगाया और कार को रोककर उसमें रखी रकम पुलिस की गाड़ियों में रख ली।
इस कार्रवाई के खिलाफ कारोबारी सोहन परमार और उनके साथियों ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई। आरोपी पुलिसकर्मियों ने कारोबारियों से हवाला की रकम आपस में बांटने की बात कही थी। इसमें पुलिसकर्मी करीब 1.5 करोड़ रुपये अपने पास रखना चाहते थे यानी आधे पैसे पुलिस और आधे कारोबारी के बीच बांटने का सौदा हुआ। लेकिन बाद में कारोबारियों को कम रकम दी गई। इससे नाराज होकर वे फिर थाने पहुंचे। जब यह मामला मीडिया तक पहुंचा, तो पूरी घटना का पर्दाफाश हो गया।