दतिया (मध्यप्रदेश), (वेब वार्ता)। श्योढ़ा तहसील के डिरोली पार गांव में पदस्थ पटवारी रामशंकर बघेल पर किसान से सीमांकन के एवज में ₹20,000 रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा है। कृषक फूल सिंह बघेल ने इस मामले में कलेक्टर और प्रभारी मंत्री को लिखित शिकायत दी है। किसान का आरोप है कि रिश्वत न देने पर पटवारी ने न केवल सीमांकन करने से इनकार कर दिया, बल्कि जातिगत टिप्पणी करते हुए धमकी भी दी।
क्या है मामला?
ग्राम डिरोली पार निवासी फूल सिंह बघेल ने दिनांक 09 मई 2025 को भूमि सीमांकन हेतु आवेदन दिया था। आदेश के अनुसार एक सप्ताह के भीतर सीमांकन करना था, लेकिन पटवारी रामशंकर बघेल ने सीधे ₹20,000 की मांग कर दी।
पीड़ित किसान ने बताया कि उसने विनम्रता से कहा कि वह एक गरीब पशुपालक है, उसके पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं हैं। इस पर पटवारी ने कथित रूप से कहा: “मेहनताना तो देना पड़ेगा, चाहे गरीब हो या अमीर।“
जनप्रतिनिधियों को बताया, नाराज हुआ पटवारी
जब किसान ने यह बात स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बताई और उन्होंने पटवारी को फोन किया, तो पटवारी बौखला गया। उसके बाद 44 दिन बाद, दिनांक 23 जुलाई 2025 को सीमांकन के लिए तो आया, लेकिन आधा-अधूरा सीमांकन कर बिना निष्कर्ष के चला गया।
पटवारी ने कथित रूप से किसान से कहा: “तुम मेरी जाति के थे, इसलिए 20 हजार मांगे। कोई और जाति का होता तो 50 हजार लगते। अब पछताओगे।“
कलेक्टर और मंत्री से शिकायत, हटाने की मांग
किसान फूल सिंह ने कलेक्टर और प्रभारी मंत्री से शिकायत कर मांग की है कि:
पटवारी रामशंकर बघेल को तत्काल हटाया जाए।
सीमांकन एसएलआर (राजस्व निरीक्षक) द्वारा मशीन से दोबारा कराया जाए।
संबंधित पटवारी के खिलाफ प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई हो।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
जब इस मामले में श्योढ़ा एसडीएम अशोक अवस्थी से पूछा गया तो उन्होंने गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा:
“मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है। जो करना है करें, यहां ऐसे ही काम होता है।“
प्रभाव और सवाल
प्रशासन की निष्क्रियता से किसानों का सरकारी तंत्र पर भरोसा कमजोर होता जा रहा है।
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि पटवारी कोई भी षड्यंत्र रच सकता है, इसलिए उसे डिरोली पार हल्के से हटाया जाए।