भोपाल, 26 फरवरी (वेब वार्ता)। मध्य प्रदेश सरकार लगातार कर्ज ले रही है। अब सरकार रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से अपने गवर्मेंट स्टाक का विक्रय कर तीन हिस्सों में कुल पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। सरकार दो हजार करोड़ का कर्ज 20 साल, फिर दो हजार करोड़ का कर्ज 21 साल और एक हजार करोड़ का कर्ज 22 साल के लिए लेगी। तीनों ही कर्ज पर साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा। यह कर्ज सरकार 27 फरवरी को लेगी। इसको लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि डॉ. मोहन यादव सरकार प्रदेश को कर्ज के दलदल में शिवराज सरकार से भी तेजी से ले जा रही है।
पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार 5000 करोड रुपए का कर्ज ले रही है। इस तरह अपने करीब 2 महीने के कार्यकाल में ही नई सरकार ने 17500 करोड रुपए का कर्ज ले लिया है। पिछली सरकार पहले ही प्रदेश के ऊपर 3.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज छोड़ गई थी। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि मध्य प्रदेश सरकार अपने राजस्व का एक बड़ा हिस्सा तो सिर्फ कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च कर रही है। जो पैसा सिर्फ ब्याज चुकाने में खर्च होता है वह प्रदेश की तरक्की में इस्तेमाल हो सकता है। सच्चाई यह है कि सरकार प्रदेश के कल्याण और विकास के लिए यह कर्ज नहीं ले रही है बल्कि अपने झूठे प्रचार और सरकारी खर्च पर राजनीतिक कार्यक्रम करने के लिए यह पैसा बर्बाद कर रही है। यह मध्य प्रदेश की जनता से धोखा है।
बता दें प्रदेश सरकार पर मार्च 2023 की स्थिति में तीन लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। अब तक सरकार पर कुल कर्ज का भार तीन लाख 64 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। इस वर्ष सरकार ने 23 जनवरी को ढाई हजार करोड़, 6 फरवरी को 3 हजार करोड़, 20 फरवरी को पांच हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। अब 27 फरवरी को फिर पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। इसे मिलाकर इस वित्तीय वर्ष में सरकार करीब 32 हजार 500 करोड़ कर्ज ले लेगी।