झाबुआ | वेब वार्ता
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के बांचिखेड़ा गांव में एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। एक युवक ने लापरवाही में सुतली बम (रस्सी बम) मुंह में रखकर फोड़ा, जिससे उसके मुंह के जबड़े के चीथड़े उड़ गए। यह घटना रविवार रात हुई, जब युवा उत्सव की उमंग में ‘खिलौना’ समझकर यह खतरनाक काम कर बैठा। स्थानीय लोगों ने तुरंत उसे झाबुआ जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने गंभीर चोटों का इलाज शुरू किया है। युवक की हालत गंभीर बनी हुई है, और पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।
यह हादसा न केवल युवक की जान को खतरे में डालने वाला है, बल्कि सुतली बम जैसे प्रतिबंधित पटाखों के दुरुपयोग को उजागर करता है। दीपावली के उत्सव में ‘मजेदार खिलौना’ के नाम पर ऐसे खतरनाक पटाखों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। आइए, इस घटना को विस्तार से समझते हैं—हादसे का पूरा घटनाक्रम, सुतली बम का खतरा, और प्रशासनिक कार्रवाई।
हादसे का पूरा घटनाक्रम: उत्सव की उमंग में लापरवाही
झाबुआ जिले के बांचिखेड़ा गांव में रविवार रात (20 अक्टूबर 2025) करीब 10 बजे यह हादसा हुआ। 25 वर्षीय राहुल सोलंकी (नाम परिवर्तित) दीपावली के उत्सव में मित्रों के साथ पटाखे फोड़ रहा था। सुतली बम, जो एक लंबी रस्सी जैसा दिखने वाला पटाखा है, उसे ‘मजेदार खिलौना’ समझकर मुंह में रख लिया। जैसे ही चिंगारी लगी, बम फटा। विस्फोट इतना जोरदार था कि राहुल के मुंह के जबड़े के चीथड़े उड़ गए।
- स्थानीय लोगों का रिएक्शन: चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी दौड़े। उन्होंने राहुल को आनन-फानन में झाबुआ जिला अस्पताल पहुंचाया।
- चोटों की गंभीरता: डॉक्टरों ने बताया कि मुंह के जबड़े और दांतों को गंभीर चोटें आई हैं। सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। राहुल को वेंटिलेटर पर रखा गया है।
- परिवार का दर्द: राहुल के पिता ने कहा, “बच्चा उत्सव में खुश था, लेकिन यह खिलौना जानलेवा साबित हुआ। सरकार को ऐसे पटाखों पर सख्ती करनी चाहिए।”
पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर ली है। थाना प्रभारी ने कहा, “आरोपी पटाखा दुकानदारों पर भी जांच होगी।”
सुतली बम का खतरा: ‘खिलौना’ जो जान ले लेता है
सुतली बम (रस्सी बम) एक लंबी रस्सी जैसा दिखने वाला पटाखा है, जो सस्ता (₹10-20) और आसानी से उपलब्ध होता है। लेकिन यह प्रतिबंधित पटाखों में शामिल है, क्योंकि इसका विस्फोट तीव्र और अनियंत्रित होता है।
सुतली बम कैसे काम करता है?
- सामग्री: पोटैशियम नाइट्रेट, सल्फर, और एल्यूमिनियम पाउडर से बना।
- विस्फोट: रस्सी में चिंगारी लगने पर 1,000 मीटर/सेकंड की गति से विस्फोट होता है।
- खतरे: मुंह में रखने पर जबड़े, दांत और चेहरे को नुकसान। आंखों में चिंगारी लगने पर अंधापन।
- उपयोग: बच्चे और युवा ‘मजा’ के लिए मुंह में रखकर फोड़ते हैं, जो घातक है।
मध्य प्रदेश सरकार ने 2023 से सुतली बम पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन बाजारों में उपलब्धता बनी हुई है। झाबुआ SP ने कहा, “दीपावली पर छापेमारी की जा रही है।”
समान हादसे: मध्य प्रदेश में बढ़ते खतरे
- भोपाल: दीपावली पर 60+ घायल, 14 बच्चों की आंखें क्षतिग्रस्त।
- इंदौर: 5 युवा सुतली बम से घायल, 2 की हालत गंभीर।
- रतलाम: 2024 में 10 हादसे, 3 मौतें।
झाबुआ CMHO ने कहा, “सुतली बम आंखों और चेहरे के लिए घातक हैं। जागरूकता जरूरी है।”
प्रशासनिक कार्रवाई: जांच और सख्ती
झाबुआ कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया। SP ने बताया, “आरोपी पटाखा विक्रेताओं पर FIR दर्ज। जांच जारी है।” जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने राहुल का इलाज जारी रखा है। परिवार ने न्याय की मांग की है।
निष्कर्ष: उत्सव में सावधानी बरतें
यह हादसा सुतली बम के खतरे को उजागर करता है। दीपावली के उत्सव में ‘खिलौना’ के नाम पर जान जोखिम में न डालें। सरकार को सख्ती और जागरूकता अभियान पर फोकस करना चाहिए।




