भोपाल, (वेब वार्ता)। लोकसभा चुनाव के परिणाम मंगलवार को आएंगे। इससे पहले मध्य प्रदेश की 29 सीटों को लेकर आए एग्जिट पोल में भाजपा की प्रचंड जीत का अनुमान जताया गया है। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा क्लीन स्वीप कर इतिहास बनाएगी या फिर कांग्रेस अपनी लाज बचाने में कामयाब होती है। इस बीच सबकी नजर प्रदेश की चार हॉट सीटों पर है। ये राजगढ़, गुना, विदिशा और छिंदवाड़ा सीटें हैं। पिछली बार भाजपा ने 28 सीट जीती थी, छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस के नकुलनाथ ने जीत हासिल की थी। इस बार छिंदवाड़ा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की साख दांव पर लगी है।
कांग्रेस के 27 प्रत्याशी हैं मैदान में
मध्य प्रदेश में अब तक कोई भी पार्टी सभी सीटें नहीं जीत सकी है। इस बार भाजपा ने सभी 29 सीटें जीतने का दावा किया है। कांग्रेस 27 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इंदौर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन नाम वापस ले लिया था। वहां पर भाजपा के सामने कोई चुनौती नहीं है। वहीं, दूसरी सीट खजुराहो है। यहां पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट को कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को दिया था। सपा ने मीरा यादव को प्रत्याशी बनाया, लेकिन उनका नामांकन ही निरस्त हो गया। इसके बाद इंडी गठबंधन ने यहां पर इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी के आरबी प्रजापति को समर्थन दिया है।
छिंदवाड़ा पर सबकी नजरें
2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 सीटों में से भाजपा ने 28 सीटें जीती थी। सिर्फ छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस के पास गई थी। इस बार एक्जिट पोल के रुझानों में छिंदवाड़ा सीट भी भाजपा के जीतने का अनुमान लगाया गया है। इस बार यहां से फिर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ प्रत्याशी हैं। वहीं, भाजपा की तरफ से विवेक बंटी साहू है। भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया। अमित शाह, सीएम और पूर्व सीएम शिवराज ने लगातार रैली और रोड शो किया। शाह ने छिंदवाड़ा में रात गुजार कर रणनीति भी बनाई। नाथ के करीबियों को तोड़ कर भाजपा में शामिल कराया। ऐसे में अब इस सीट के परिणाम पर ही सबकी नजरें टिकी हुई है। पिछले चुनाव में नकुलनाथ को 5.47 लाख वोट मिले थे। उनको 37 हजार 536 वोट से जीत मिली थी।
राजगढ़ में राजा की किस्मत दांव पर
राजगढ़ सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 33 साल बाद चुनाव लड़ रहे हैं। वे यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने राजगढ़ सीट छोड़ दी थी। उनके सामने भाजपा सांसद रोडमल नागर प्रत्याशी हैं। दिग्विजय सिंह के चुनाव लड़ने के कारण यह सीट बेहद खास बन गई है। 2019 में भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद दिग्विजय सिंह के लिए इस बार का चुनाव बेहद अहम हो गया है। उन्होंने अपने प्रचार में अपना आखिरी चुनाव होने की बात कर जनता से साथ देने की अपील की है। वहीं, भाजपा ने मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा है। पिछली बार भाजपा सांसद रोडमल नागर को 8.23 लाख वोट मिले थे। उन्होंने 4.31 लाख वोट से जीत दर्ज की थी।
विदिशा में शिवराज बनाएंगे जीत का रिकॉर्ड?
विदिशा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मैदान में है। पांच बार के सांसद, 6 बार के विधायक और चार बार प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खड़े होने से सीट को सेफ माना जा रहा है। शिवराज के सामने कांग्रेस के भानु प्रताप शर्मा चुनाव लड़ रहे है। विदिशा लोकसभा क्षेत्र हिंदू महासभा, जनसंघ से लेकर भाजपा तक हमेशा इस लोकसभा सीट पर कब्जा रहा है। इस सीट पर टिकट मिलने के बाद से ही शिवराज ने लगातार सभाएं की। इस सीट पर उनके कितने मार्जिन से जीतने की चर्चा हो रही है? पिछली बार भाजपा के रमाकांत भार्गव को 8 लाख 53 हजार वोट मिले थे। उन्होंने पांच लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी।
गुना में सिंधिया की साख दांव पर
गुना लोकसभा सीट पर भाजपा ने सांसद केपी यादव का टिकट काट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है। उनके सामने कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव प्रत्याशी है। सिंधिया को 2019 में कांग्रेस में रहते केपी यादव ने चुनाव हराया था। जिसके बाद 2020 में सिंधिया अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। इस बार सिंधिया अपनी पिछली बार का दाग मिटाने के लिए चुनाव लड़ रहे है। गुना हाईप्रोफाइल सीट को सिंधिया राजपरिवार का गढ़ माना जाता है। पिछली बार भाजपा प्रत्याशी केपी यादव को गुना-शिवपुरी सीट पर 6 लाख 14 हजार 49 वोट मिले थे। उन्होंने सवा लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी।