भोपाल, (वेब वार्ता) मध्यप्रदेश इस समय भारी बारिश और बाढ़ की मार झेल रहा है, लेकिन संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संवेदनशील और त्वरित कार्यशैली ने राहत कार्यों को नई दिशा दी है। प्राकृतिक आपदा के समय एक कुशल और त्वरित निर्णय लेने वाला नेतृत्व ही जनता के लिए सबसे बड़ी ताकत बनता है, और डॉ. यादव ने इस परीक्षा में अपने नेतृत्व की परख दे दी है।
तत्परता और त्वरित निर्णय क्षमता
डॉ. यादव ने यह साबित किया है कि आपदा के समय सबसे अहम है—तुरंत फैसले लेना और जमीन पर कार्रवाई करना। अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित जिलों में उनके निर्देशों पर 432 बचाव अभियान चलाए गए, जिनमें 3628 नागरिकों और 94 मवेशियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। इसके अलावा 53 राहत शिविरों में 3065 लोगों को भोजन, दवाइयां, कपड़े और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं।
संवेदनशीलता और जनता से सीधा संवाद
डॉ. यादव का प्रशासनिक कौशल उनकी संवेदनशीलता के साथ और भी प्रभावी हो जाता है। वे स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हैं, पीड़ितों की समस्याएं सुनते हैं और मौके पर समाधान के निर्देश देते हैं। शिवपुरी और गुना जैसे जिलों में उनके स्थलीय निरीक्षण ने प्रशासनिक तंत्र में तेजी लाई और जनता में यह भरोसा पैदा किया कि सरकार हर परिस्थिति में उनके साथ खड़ी है।
पूर्व-तैयारी और आपदा प्रबंधन
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आपदा से पहले ही तैयारी कर ली थी। NDRF और SDRF की टीमों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया, 259 संवेदनशील क्षेत्रों में डिजास्टर रेस्पॉन्स सेंटर स्थापित किए गए और 111 क्विक रेस्पॉन्स टीमों को सक्रिय रखा गया। साथ ही 3300 आपदा मित्रों और 80,375 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित किया गया, जिससे आपदा प्रबंधन में जन-सहभागिता सुनिश्चित हुई।
सहायता और पुनर्वास
सरकार ने अब तक 58 करोड़ रुपये की राहत राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की है और कुल 123 करोड़ रुपये प्रभावितों तक पहुंचाए हैं। मकान क्षति, खाद्यान्न सहायता और फसल नुकसान के लिए मुआवजा देने के निर्देश भी दिए गए हैं। ग्रामीण सड़कों का तत्काल सुधार, वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था और जलस्तर की सतत निगरानी जैसे कदम उठाए गए हैं।
जन-जागरूकता और सुरक्षा अपील
डॉ. यादव ने नागरिकों से बाढ़ प्रभावित नदी-नालों में न उतरने, तेज बहाव वाले पुल-पुलियों से दूर रहने और कच्चे मकानों में सावधानी बरतने की अपील की। रेड अलर्ट मोबाइल संदेश और सक्रिय नियंत्रण कक्ष ने इस जागरूकता अभियान को मजबूती दी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की आपदा के दौरान दिखाई गई संवेदनशीलता, त्वरित निर्णय क्षमता और कुशल नेतृत्व ने मध्यप्रदेश में राहत कार्यों को नई ऊंचाई दी है। यह प्रशासनिक दक्षता और जन-केंद्रित नीतियों का अनूठा उदाहरण है, जिसने राज्य में विश्वास और उम्मीद की नई लहर पैदा की है।
हमारी सरकार ने प्रत्येक जिले में आपदा प्रबंधन हेतु 23 लाख रुपए से अधिक की अग्रिम धनराशि दी है। pic.twitter.com/dtwP8vCBGY
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 8, 2025