Saturday, October 18, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

जलेसर कोतवाली इंस्पेक्टर ने आईपीएस को भेजा जेल

पतियों की परेशानी और फर्जी कप्तान की कहानी

एटा, सुनील यादव (वेब वार्ता)। जनपद एटा के जलेसर में पुलिस ने जब एक फर्जी आईपीएस को धर दबोचा, तो मामला सिर्फ़ कानून से जुड़ा नहीं था, बल्कि पतियों की पुरानी परेशानी से भी जुड़ा था—बीवियों की फरमाइशें!

दरअसल, हेमंत कुमार बुंदेला नामक शख्स अपनी “असली” पत्नी के कहने पर “महिला मित्र” के पति को धमकाने के मिशन पर निकले थे। बीवी ने फरमान जारी किया—”देखो जी, मेरी सहेली के पति बहुत उछल-कूद कर रहे हैं, उन्हें औकात दिखाओ!” और जनाब ने वर्दी पहनकर सीधे कप्तान बनना ही बेहतर समझा।

बुंदेला साहब पूरे रौब में महिला मित्र के पति को डंडे लगवाने और जेल भेजने निकले थे, लेकिन पुलिस ने ही इन्हें जेल की राह दिखा दी। जब असली पुलिस ने पकड़कर पूछा—”भाई, किस रैंक के अफसर हो?” तो जनाब ने पहले रोब दिखाया, फिर जब हकीकत खुलने लगी, तो पत्नी की आज्ञा पालन का हवाला देने लगे।

इंस्पेक्टर साहब भी सोच में पड़ गए—”ये आदमी कानून तोड़ रहा है या ‘पत्नी धर्म’ निभा रहा है?” मगर पुलिस तो पुलिस है, उसने फैसला सुना दिया—”बीवी के कहने पर किसी को धमकाने की वर्दी नहीं मिलती!”
पकड़े गये बुंदेला की इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि शादीशुदा पुरुषों के लिए दो ही रास्ते होते हैं—या तो बीवी की सुनो और फंसो, या ना सुनो तो फिर भी फंसो! अब बेचारे बुंदेला साहब जेल में बैठे यही सोच रहे होंगे—IPS की ट्रेनिंग ली होती, तो शायद आज वाकई कप्तान होते… कम से कम बीवी की नज़रों में ही सही!

क्या हुई कार्रवाही

अब बेचारे बुंदेला साहब की वर्दी सीज करने के बाद जेल भेजने की तैयारी, शुरू वैसे ही बुंदेला के सीने में दर्द शुरू इस्पेक्टर साहब को भी रहम आ गया तो मुचलका भरवाकर जमानत पर ही फर्जी आईपीएस को छोड़ दिया। सिटी इंचार्ज चंद्रशेखर त्रिपाठी के द्वारा फर्जी आईपीएस हेमंत कुमार बुंदेला पुत्र रनवीर सिंह बुंदेला निवासी झांसी चुंगी नाका थाना ललितपुर के विरुद्ध मु.अ.संख्या 65/25 धारा 204 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया था। वही जब इसका आधार कार्ड मांगा गया तो आधार कार्ड में हेमंत कुमार बुंदेला पुत्र अशोक कुमार बुंदेला निवासी छतरपुर लिखा हुआ था।जेल भेजने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन बुंदेला अपने को डायबिटीज व हृदय रोगी बताकर सीने में दर्द होने का बहाना बनाने लगा उसके बाद उक्त फर्जी आईपीएस को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा जहां से उसे एसएन मेडिकल आगरा के लिए भेजा गया है। जमानतीय धारा होने के कारण फर्जी आईपीएस को थाने से ही जमानत दे दी गई ।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles