Wednesday, December 24, 2025
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ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क फैक्टर्स को समझना ज्यादा जरूरी, बोलीं यूके की विशेषज्ञ डॉ. सुनीता

गोरखपुर, (वेब वार्ता)। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में ‘मैनेजमेंट ऑफ ब्रेस्ट कैंसर : अर्ली डायग्नोसिस एंड ट्रीटमेंट’ विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित ऑक्सफोर्ड एंड सेंट पीटर्स हॉस्पिटल यूनाइटेड किंगडम (यूके) की विशेषज्ञ डॉ. सुनीता श्रोत्रिय (ऑन्कोलॉजिस्ट ब्रेस्ट सर्जन) ने ब्रेस्ट कैंसर के कारणों, लक्षणों, जांच प्रक्रियाओं और उपचार के विकल्पों पर विस्तार से चर्चा की।

डॉ. सुनीता ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर को महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम कैंसर है। सबसे जरूरी इसके लक्षणों और इसके रिस्क फैक्टर्स को समझने की जरूरत है। यदि समय रहते इसका पता चल जाए तो कुशल प्रबंधन और निदान से सर्जरी की आवश्यकता को रोका जा सकता है। हालांकि सर्जरी की जरूरत हो भी तो आज के दौर में ऐसी पद्धतियां उपलब्ध हैं जिनसे मरीज के जीवन में जोखिम कम से कम आता है। उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी में हुए और हो रहे निरंतर शोध और अनुसंधान की भी विस्तार से जानकारी दी।

डॉ. सुनीता ने कहा कि इस लिहाज से स्कारलेस ब्रेस्ट सर्जरी एक नए युग की शुरुआत है। इसमें त्वचा पर निशान नहीं पड़ता और मरीज को असुविधा कम होती। डॉ. सुनीता ने यह निष्कर्ष भी निकाला कि रोगियों के साथ व्यक्तिगत संबंध उनके उपचार परिणामों पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। व्याख्यान के अंत मे धन्यवाद ज्ञापन आयुर्वेद संकाय के रोग निदान एवं विकृति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. गोपीकृष्ण ने किया। व्याख्यान सत्र में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरिंदर सिंह सहित आयुर्वेद, फार्मेसी, नर्सिंग आदि संकाय के प्रमुख, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

आईसीएमआर का भ्रमण किया कृषि संकाय के विद्यार्थियों ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के अंतर्गत संचालित कृषि संकाय के तृतीय वर्ष के छात्रों ने “क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र” आईसीएमआर गोरखपुर का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ गौरव राज द्विवेदी ने छात्रों को केंद्र की स्थापना,उपलब्धियां व शोध कार्यक्षेत्र से अवगत करवाया और कृषि व स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के निवारण हेतु अनुसंधान पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

विद्यार्थियों ने वहां इंसेक्टरी, माइक्रोबायोलॉजी, मॉलिक्युलर बायोलॉजी, सीरोलॉजी ,नेक्स्ट जनरेशन सीक्वेंसिंग, वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं का भ्रमण कर उनकी कार्यशैली को समझा। छात्रों ने रोग संचरण में वाहक कीटों के जीवन चक्र को देखा व समझा साथ ही डीएनए एक्सट्रैक्शन, पीसीआर जैसी उन्नत तकनीकों पर विस्तृत जानकारी लिया। यह शैक्षणिक भ्रमण कृषि संकाय में कीट विज्ञान की सहायक आचार्य डॉ शाश्वती प्रेमकुमारी के कुशल नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।

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