नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) परिसर में बुधवार को 38वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर तीन लाख से अधिक छात्रों को डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऑनलाइन संदेश मे कहा कि इग्नू जन-जन का विश्वविद्यालय है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज इग्नू 3.17 लाख से अधिक छात्रों की सफलता का जश्न मनाया जा रहा है, जो विश्वविद्यालय के इतिहास में सबसे अधिक है। 1985 में अपनी स्थापना के बाद से इग्नू ने शिक्षा को किफायती, लचीला और समावेशी बनाकर, इसमें क्रांति ला दी है। 35 लाख से अधिक शिक्षार्थियों और 58 देशों में एक मजबूत वैश्विक उपस्थिति के साथ इग्नू दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। वहीं, समारोह में मुख्य अतिथि आईआईएम तिरुचिरापल्ली के निदेशक प्रो. पवन कुमार सिंह ने उच्च शिक्षा को समाज के सभी वर्गों के लिए सुलभ बनाने के विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।
इग्नू की कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल ने बताया कि अग्निवीरों के लिए विशेष रूप से पांच कौशल-आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। इनमें 5000 से अधिक अग्निवीरों का नामांकन किया गया है। विश्वविद्यालय लगातार नए शैक्षणिक कार्यक्रम जोड़ रहा है और नए शिक्षार्थी वर्गों तक पहुंच बना रहा है। 2024 में कुल 47 नए कार्यक्रम शुरू किए गए, जिससे कार्यक्रमों की कुल संख्या 334 हो गई। विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
छात्रों से अधिक छात्राओं ने प्राप्त की डिग्री
दीक्षांत समारोह में कुल 3,17,062 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। इसमें से 1,68,711 छात्राएं और 1,45,472 छात्र हैं। स्नातक में 1,33,082 और परास्नातक में 1,34,385 अभ्यर्थियों को डिग्री मिली। 33,603 को डिप्लोमा, 16,017 अभ्यर्थियों को सर्टिफिकेट, 92 को पीएचडी और दो को एमफिल की डिग्री प्रदान की गई।