हैदराबाद, (वेब वार्ता)। हैदराबाद में अवैध सरोगेसी और स्पर्म तस्करी का एक भयानक रैकेट सामने आया है, जिसने न सिर्फ एक दंपति को हिला दिया बल्कि पूरे देश में फर्टिलिटी क्लीनिकों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में पुलिस ने 10 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक प्रतिष्ठित फर्टिलिटी सेंटर की मैनेजर डॉ. आतलुरी नम्रता उर्फ पचिपाला नम्रता प्रमुख रूप से शामिल हैं।
कैसे हुआ खुलासा? डीएनए रिपोर्ट से उड़ा होश
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब एक दंपति ने अपने सरोगेसी से जन्मे बेटे का डीएनए टेस्ट कराया। परीक्षण रिपोर्ट में बच्चे का जैविक संबंध दोनों माता-पिता से नहीं मिला, जिससे दंपति हक्के-बक्के रह गए। क्लीनिक की तरफ से बार-बार टालमटोल और दस्तावेज देने से इनकार के बाद, उन्होंने स्वतंत्र रूप से दिल्ली में डीएनए परीक्षण करवाया। रिपोर्ट आने के बाद दंपति सीधे गोपालपुरम पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई।
सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर पर छापा, रैकेट का खुलासा
शिकायत के आधार पर हैदराबाद पुलिस, मेडिकल एंड हेल्थ डिपार्टमेंट की संयुक्त टीम ने रेजिमेंटल बाजार स्थित यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर पर छापा मारा। छानबीन में पता चला कि डॉ. नम्रता विजयवाड़ा, सिकंदराबाद, कोंडापुर और विशाखापत्तनम में फर्टिलिटी क्लीनिक चला रही थीं, जिनका पंजीकरण 2021 में ही रद्द कर दिया गया था।
डॉ. नम्रता ने दूसरे रजिस्टर्ड डॉक्टर सुरी श्रीमती के नाम का उपयोग कर क्लीनिक को अवैध रूप से संचालित किया और हर ग्राहक से 20 से 30 लाख रुपये तक वसूले।
कमजोर महिलाओं को निशाना बनाकर होता था सौदा
रैकेट वंचित और गर्भपात के लिए आई महिलाओं को निशाना बनाता था। उन्हें पैसे का लालच देकर गर्भ बनाए रखने के लिए राजी किया जाता और उनके नवजात शिशुओं को सरोगेसी के नाम पर अमीर दंपतियों को ‘बेच’ दिया जाता।
हैदराबाद की डीसीपी नॉर्थ जोन एस. रश्मि पेरुमल के अनुसार,
“क्लीनिक दंपतियों को यह विश्वास दिलाता था कि बच्चा उनका जैविक संतान है, जबकि वास्तविकता बिल्कुल अलग होती थी।”
गिरफ्तार हुए आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
डॉ. नम्रता का बेटा पचिपाला जयंत कृष्णा (25), जो वकील है और आर्थिक लेन-देन संभालता था
विशाखापत्तनम शाखा की मैनेजर सी. कल्याणी अटचय्यम्मा (40)
भ्रूणविज्ञानी जी. चेन्ना राव (37)
गांधी अस्पताल का एनेस्थीसिया विशेषज्ञ एन. सदानंदम (41)
स्पर्म तस्करी में ‘इंडियन स्पर्म टेक’ की भूमिका
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि यह रैकेट ‘Indian Sperm Tech’ नामक एक अवैध कंपनी से जुड़ा हुआ था, जो गुजरात और मध्य प्रदेश में स्पर्म और एग की अवैध तस्करी करती थी। कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक पंकज सोनी, और उसके सहयोगी संपत, श्रीनु, जितेंद्र, शिव, मणिकांत और बोरो को भी गिरफ्तार किया गया है।
बच्चे के जैविक माता-पिता भी गिरफ्तार
बच्चे के असली जैविक माता-पिता मोहम्मद अली आदिल और नसरीन बेगम, जो असम के निवासी हैं, को मामूली रकम के बदले बच्चा सौंपने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बच्चे को बाल संरक्षण विभाग के ‘शिशु विहार’ को सौंप दिया गया है।
बड़े सवाल, गहरी चिंता
यह मामला भारत में सरोगेसी और फर्टिलिटी क्लीनिक के क्षेत्र में गंभीर अनियमितताओं और मानव तस्करी जैसे अपराधों की गूंज बन गया है। ऐसे रैकेट न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं, बल्कि हजारों दंपतियों के जैविक अधिकार, भावनात्मक सुरक्षा और विश्वास को भी चोट पहुंचाते हैं।