Tuesday, November 11, 2025
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टीबी की जांच को ज्यादा से ज्यादा लोगों के टेस्ट करवाने पर करें फोक्स : उपायुक्त

धर्मशाला, (वेब वार्ता)। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि क्षय रोग निवारण के लिए टीबी की जांच के टेस्ट करवाने को विशेष प्राथमिकता दें ताकि टीबी के लक्षण वाले रोगियों का समय पर उपचार सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही चिकित्सा अधिकारियों को टीबी रोगियों से संपर्क स्थापित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। शनिवार को जोनल अस्पताल धर्मशाला में क्षय रोग निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि टीबी के लक्षण हों या न हों, सभी की एक्स-रे जांच होगी, यदि इसमें संभावित टीबी निकलेगी तो टीबी की पक्की जांच (मॉलिक्यूलर टेस्ट) के लिए उनको भेजा जाएगा। जिनको टीबी निकलेगी उनको टीबी के प्रभावकारी इलाज से जोड़ा जाएगा और जिनको टीबी (या संभावित टीबी) नहीं निकलेगी उनका टीबी से बचने का उपचार (लेटेंट टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी) किया जाएगा।

उन्होंने सभी विभागों को बेहतर आपसी समन्वय के साथ टीबी उन्मूलन के लिए काम करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने इस अभियान के अंतर्गत जनप्रतिनिधियों, युवाओं व विभागीय प्रतिनिधियों द्वारा खुली चर्चा करके टीबी से जुड़ी भ्रान्तियों को दूर करने के निर्देश दिए। उपायुक्त बैरवा ने कहा कि जीपीडीपी के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में दस हजार रुपये का प्रावधान किया गया है जिसका उपयोग टीबी जागरूकता से जुड़े गतिविधियों के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा की बैठकों में भी क्षय रोग निवारण के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मी आम जनमानस को जागरूक करेंगे इस के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा पंचायती राज विभाग को आपसी समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने श्रम विभाग के अधिकारियों को भी श्रमिकों के लिए टीबी जागरूकता कैंप के आयोजन के लिए कारगर कदम उठाने के लिए कहा गया है।

उपायुक्त हेमराज बैरवा ने ज्यादा से ज्यादा निक्षय मित्र बनाने के लिए भी आगह किया। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में 1029 निक्षय मित्रों ने टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों को 11218 पोषण किटें वितरित की हैं जोकि प्रदेश भर में सर्वाधिक हैं। जिला स्वास्थ्य एवं क्षय रोग कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए बताया कि भारत सरकार का 100 दिवसीय टीबी अभियान (7 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक) चलाया गया जिसमें क्षय रोग निवारण के लिए अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। यह 100 दिवसीय टीबी अभियान अत्यंत अहम रहा है क्योंकि यह उन लोगों तक टीबी सेवाएं पहुँचाने के लिए केंद्रित है जो प्रायः स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में रहते हैं और जिन्हें टीबी की सही जाँच और उचित इलाज नहीं मिल पाता। इस अवसर पर उपायुक्त हेमराज बैरवा ने टीबी विजेता अरूण, नीना, करतार सिंह तथा अंतिमा गुलेरिया को बेहतरीन सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक तथा सभी खंडों के बीएमओ, पंचायती राज विभाग के अधिकारी, स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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