एटा, सुनील यादव (वेब वार्ता)। प्रशासनिक व्यवस्था केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं होती, बल्कि एक कुशल प्रशासक वह होता है जो जनता से सीधे संवाद करे, उनकी भावनाओं को समझे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करे। एटा के जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह इसी भूमिका को बखूबी निभा रहे हैं। उनका प्रेम और विश्वास लोगों को हथियार छोड़ने और शांति की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।
पिछले महीने जब जिलाधिकारी ने अनावश्यक शस्त्र लाइसेंस सरेंडर करने की अपील की, तो यह महज एक प्रशासनिक आदेश नहीं था, बल्कि यह जनता के साथ उनका आत्मीय संवाद था। उन्होंने शस्त्र लाइसेंस धारकों को कोई कठोर निर्देश नहीं दिए, बल्कि प्रेम और सम्मान के साथ उन्हें यह एहसास कराया कि यदि उन्हें शस्त्र की जरूरत नहीं है, तो वे इसे स्वेच्छा से सरेंडर कर सकते हैं। बदले में, प्रशासन उन्हें न केवल प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर रहा है, बल्कि उनका नाम भी कलेक्ट्रेट परिसर में लगाए जाने वाले बोर्ड पर अंकित किया जाएगा, जिससे उनका यह योगदान यादगार बन जाएगा।
यही प्रेम और सम्मान लोगों के दिलों को छू रहा है। पहले आम नागरिकों ने अपने शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराने शुरू किए और अब इस पहल में जनप्रतिनिधि भी आगे आने लगे हैं। हाल ही में वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व सांसद कैलाश यादव ने स्वेच्छा से अपना शस्त्र लाइसेंस जिलाधिकारी के समक्ष सरेंडर किया। बदले में, जिलाधिकारी ने उन्हें अपने कार्यालय में आमंत्रित कर, परिवारिजनों की उपस्थिति में सम्मानित किया। यह प्रशासन और जनता के बीच विश्वास और संवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
प्रेम से बदलेगी सोच
जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह का मानना है कि वर्तमान समय में कानून व्यवस्था इतनी सुदृढ़ हो चुकी है कि किसी को भी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए शस्त्र रखने की आवश्यकता नहीं है। जो लोग बिना किसी विशेष उपयोग के शस्त्र लाइसेंस धारण कर रहे हैं, वे स्वेच्छा से इसे सरेंडर कर सकते हैं और इस सामाजिक बदलाव का हिस्सा बन सकते हैं। प्रशासनिक शक्ति का उपयोग जहां आवश्यक हो, वहां किया जाना चाहिए, लेकिन समाज में बदलाव प्रेम, विश्वास और सम्मान के माध्यम से भी लाया जा सकता है।
एक नई पहल, एक नई शुरुआत
जिलाधिकारी प्रेमरंजन की यह पहल केवल शस्त्र लाइसेंस सरेंडर करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को अहिंसा, शांति और आपसी विश्वास की ओर बढ़ाने का एक प्रयास है। जब लोग प्रशासन से डरने के बजाय उसे अपना सहयोगी और मार्गदर्शक मानेंगे, तो न केवल कानून व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिलेगा।
डीएम प्रेम रंजन सिंह के नेतृत्व में यह अभियान केवल लाइसेंस सरेंडर करने का नहीं, बल्कि लोगों के दिलों को जीतने का भी है और इसमें वे पूरी तरह सफल भी हो रहे हैं।