रायपुर (वेब वार्ता)। छत्तीसगढ़ की राजनीति में शराब नीति को लेकर एक बार फिर सियासी घमासान मच गया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने राज्य की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शराबबंदी को लेकर विपक्ष में बड़ी-बड़ी बातें करने वाली BJP सरकार अब शराब की बिक्री और खपत बढ़ाने में लगी हुई है। शुक्ला ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में 67 नई शराब दुकानें खोल दी हैं, जबकि पहले से चल रही 700 दुकानों को कंपोजिट कर दिया गया है, जिससे देशी में अंग्रेजी और अंग्रेजी में देशी शराब बेचना शुरू हो गया। नतीजतन, कुल 1,400 काउंटर बन गए हैं।
शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए आबकारी सचिव ने बार संचालकों, बॉटलिंग प्लांट संचालकों और शराब निर्माताओं से बैठक बुलाकर सुझाव मांगे हैं। यह BJP सरकार की नीयत को उजागर करता है, जो केवल शराब की खपत बढ़ाने पर तुली हुई है।” उन्होंने दावा किया कि BJP विपक्ष में शराबबंदी का नारा देती थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद अवैध शराब की बिक्री बढ़ गई है। दूसरे प्रांतों से शराब की तस्करी हो रही है, बिना होलोग्राम और नकली होलोग्राम वाली शराब सरकारी दुकानों से बेची जा रही है। पूरी सरकार शराब की काली कमाई में डूबी हुई है।
प्रदेश को नशे में डुबोने का षड्यंत्र
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विष्णुदेव साय सरकार के लगातार शराबखोरी को संरक्षण देने वाले निर्णयों से साबित होता है कि BJP का शराबबंदी के लिए प्रदर्शन केवल राजनीतिक पाखंड था। “मनपसंद ऐप और 67 नई शराब दुकानों को खोलने के निर्णय से BJP नेताओं का फोकस केवल कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार पर है। इसके लिए वे प्रदेश को नशे में डुबोने का षड्यंत्र रच रहे हैं।”
यह आरोप हालिया आबकारी नीति 2025-26 पर केंद्रित हैं, जिसे सरकार ने शराब तस्करी रोकने के नाम पर लागू किया है। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह नीति शराब को हर व्यक्ति तक पहुंचाने की रणनीति है। पूर्व में भी, 2025 के शुरुआती महीनों में जहरीली शराब से मौतों पर कांग्रेस ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया था, आरोप लगाते हुए कि अवैध शराब को संरक्षण दिया जा रहा है।
BJP का जवाब और सियासी संदर्भ
BJP सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि नई नीति से तस्करी पर अंकुश लगेगा और राजस्व बढ़ेगा। लेकिन विपक्ष का दावा है कि पिछले 15 महीनों में ही 700 नई दुकानें खोलकर सरकार ने शराब व्यवसाय को बढ़ावा दिया है। छत्तीसगढ़ में शराब और सियासत का पुराना नाता रहा है, जहां चुनावी मौसम में शराबबंदी बड़ा मुद्दा बनता है। पूर्व में कांग्रेस सरकार पर भी शराब घोटाले के आरोप लगे थे, जिसकी जांच ED कर रही है।
शुक्ला ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तस्करी और अवैध बिक्री पर कार्रवाई नहीं की, तो कांग्रेस सड़क पर उतरेगी। यह विवाद प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक नीतियों पर बहस को तेज कर रहा है, जहां नशे की लत से जूझते परिवारों की संख्या बढ़ रही है।