Saturday, July 26, 2025
Homeराज्यनोएडा मेट्रो एक्वा लाइन विस्तार को केंद्र की मंजूरी: बहु-माध्यमीय कनेक्टिविटी की...

नोएडा मेट्रो एक्वा लाइन विस्तार को केंद्र की मंजूरी: बहु-माध्यमीय कनेक्टिविटी की ओर बड़ा कदम

नई दिल्ली, रिपोर्ट: संवाददाता (वेब वार्ता)| विश्लेषण: अफज़ान अराफात

देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक और ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। भारत सरकार ने नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन के विस्तार को आधिकारिक मंजूरी दे दी है, जिससे यह मेट्रो अब बोड़ाकी स्थित मल्टीमॉडल ट्रांजिट हब (MMTH) तक पहुंचेगी। यह निर्णय केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए भविष्य के बहुआयामी शहरी विकास की आधारशिला बन सकता है।

परियोजना का दायरा और महत्व

नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) द्वारा प्रस्तावित यह विस्तार परियोजना कुल 2.60 किलोमीटर लंबी होगी और तीन मेट्रो स्टेशनों को जोड़ेगी—डिपो स्टेशन (मौजूदा), जुनपत गांव (नया स्टेशन), और बोड़ाकी एमएमटीएच (नया स्टेशन)। यह विस्तार न केवल एक क्वालिटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट विकल्प को बेहतर बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय आवागमन को सुगम बनाएगा।

बोड़ाकी एमएमटीएच को एक प्रमुख ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें एक अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी), रेलवे पैसेंजर टर्मिनल और एक स्थानीय बस अड्डा भी शामिल होगा। यानी यह एक “मल्टीमॉडल हब” होगा जहां ट्रेन, मेट्रो और बस—तीनों सेवाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी।

आर्थिक और तकनीकी पहलू

इस परियोजना की कुल लागत 416.34 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसका क्रियान्वयन स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) ढांचे के तहत एनएमआरसी द्वारा किया जाएगा।

फंडिंग संरचना इस प्रकार है:

  • केंद्र सरकार: 20% (₹70.59 करोड़)

  • उत्तर प्रदेश सरकार: 24% (₹91.08 करोड़)

  • डोमेस्टिक लोन/एनसीआरपीबी: 60% (₹211.80 करोड़)

  • नोएडा/ग्रेटर नोएडा अथॉरिटीज (भूमि और पीपीपी): ₹10.44 करोड़ + भूमि

यह वित्तीय मॉडल सार्वजनिक-निजी भागीदारी और राज्य-केंद्र तालमेल का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।

तकनीकी दृष्टिकोण से यह मेट्रो कॉरिडोर स्टैंडर्ड गेज (1435 मिमी) पर आधारित होगा और इसमें 25 केवी एसी ओवरहेड ट्रैक्शन सिस्टम होगा। साथ ही SCADA तकनीक के माध्यम से पूरे सिस्टम की निगरानी और नियंत्रण होगा, जिससे ऊर्जा कुशल और तकनीकी रूप से आधुनिक संचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

समयसीमा और प्रगति

परियोजना का टोपोग्राफिकल सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है और जियोटेक्निकल जांच जारी है। सरकार का लक्ष्य इसे आगामी तीन वर्षों में पूरा करने का है। यह भी उल्लेखनीय है कि इस परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही अनुमोदित कर चुकी है और अब केंद्रीय स्तर पर भी अंतिम चरण में है।

इसके अतिरिक्त, सेक्टर-51 (नोएडा) से नॉलेज पार्क-V (ग्रेटर नोएडा) और सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन तक के अन्य दो प्रमुख मेट्रो रूट्स के विस्तारीकरण की योजनाएं भी अब मंजूरी की दहलीज पर हैं।

सामाजिक और शहरी प्रभाव

  1. कनेक्टिविटी में जबरदस्त सुधार: यह परियोजना नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों को बेहतर और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

  2. ट्रैफिक पर नियंत्रण: मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब से लोग निजी वाहनों के स्थान पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्राथमिकता देंगे, जिससे जाम और प्रदूषण में कमी आएगी।

  3. आवासीय और व्यावसायिक विकास: इन क्षेत्रों में रियल एस्टेट और वाणिज्यिक गतिविधियों को बल मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

  4. स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल: निर्माण, सेवा और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में नए रोजगार सृजित होंगे।

निष्कर्ष

नोएडा मेट्रो एक्वा लाइन का यह विस्तार न केवल एक मेट्रो परियोजना है, बल्कि यह नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को ‘फ्यूचर रेडी’ स्मार्ट सिटी मॉडल की दिशा में आगे ले जाने वाला बड़ा कदम है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से यह परियोजना शहरी विकास की एक मिसाल बन सकती है।

इस परियोजना की समय पर पूर्णता से जहां नागरिकों की सुविधा में अभूतपूर्व वृद्धि होगी, वहीं नोएडा क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में एक आदर्श मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट सेंटर के रूप में स्थापित हो सकेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments