नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) की इकाई ने ‘जेएनयू एकात्मता यात्रा’ का आयोजन किया। यह यात्रा सोमवार रात को करीब नौ बजे निकाली गई। एबीवीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने कहा कि हाल ही में जेएनयू में लेफ्ट-शासित छात्रसंघ जेएनयूएसयू की जनरल सेक्रेटरी द्वारा विभाजनकारी नारे लगाए गए, जो विश्वविद्यालय के समावेशी वातावरण और सामाजिक समरसता के विपरीत हैं। इन घटनाओं के विरोध में हमने यह यात्रा निकाली है, जिसमें 300 से अधिक छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया है।
जेएनयू की पहचान उसकी विविधता और समावेशिता में निहित है। विभाजनकारी नारों के माध्यम से इस एकता को खंडित करने के प्रयासों का हम कड़ा विरोध करते हैं। जेएनयू एकात्मता यात्रा’ के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि विश्वविद्यालय का प्रत्येक छात्र एकजुट है और किसी भी विभाजनकारी विचारधारा को स्वीकार नहीं करेगा।
यात्रा का प्रमुख उद्देश्य सनातन संस्कृति, सामाजिक समरसता और राष्ट्रवाद के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना था। यह एकात्मता यात्रा जेएनयू के गंगा ढाबा से आरंभ होकर बराक हॉस्टल पर सम्पन्न हुई। इससे पूर्व भी अभाविप ने राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में संवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिससे छात्रों में राष्ट्रीय एकता की भावना को प्रोत्साहित किया जा सके।
अभाविप-जेएनयू ने स्पष्ट किया है कि वे किसी भी विभाजनकारी राजनीति का कड़ा विरोध करेंगे और विश्वविद्यालय परिसर में शांति और एकता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं, इकाई मंत्री शिखा स्वराज ने कहा कि छात्रसंघ के पदों का उपयोग यदि समाज में विभाजन पैदा करने के लिए किया जाएगा तो यह न केवल विश्वविद्यालय के मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि देश की एकता के लिए भी खतरा है।