तिरुवनंतपुरम, (वेब वार्ता)। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में बादल छाए रहने और बारिश के बावजूद, देश में वाम आंदोलन के सबसे बड़े नेताओं में से एक वी. एस. अच्युतानंदन को अंतिम विदाई देने के लिए मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग जुटे।
”वीएस” के नाम से जाने जाने वाले अच्युतानंदन के साथियों ने घोषणा की कि उनकी विरासत आगे भी जारी रहेगी।
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता वी. एस. अच्युतानंदन का सोमवार को 101 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को सैकड़ों लोग ऐतिहासिक दरबार हॉल के बाहर उमड़ पड़े।
इस दौरान, उनके समर्थक ये नारे लगा रहे थे कि ”बहादुर कॉमरेड वी.एस., किसने कहा कि आप चले गए हैं? आप हमारे बीच जीवित हैं।”
उनके पुराने समर्थक और युवा प्रशंसक आठ दशकों से अधिक समय तक केरल के राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने को आकार देने वाले नेता के अंतिम दर्शन के लिए कतार में खड़े थे।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ताबूत के अंदर तिरंगे में लिपटे अच्युतानंदन के पार्थिव शरीर के पास मौन बैठकर राज्य की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मंत्रियों, नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ आम लोगों ने मंगलवार को दरबार हॉल में अच्युतानंदन को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पोलित ब्यूरो सदस्य एम ए बेबी समेत माकपा के वरिष्ठ नेताओं के अलावा, सामाजिक-धार्मिक क्षेत्रों की कई प्रमुख हस्तियों ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
पूर्व मुख्यमंत्री अच्युतानंदन ने सोमवार को यहां एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली और तब से लोग उन्हें अंतिम बार देखने और श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ रहे हैं।
अच्युतानंदन को श्रद्धांजलि देने वालों में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) अध्यक्ष सनी जोसेफ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) महासचिव डी राजा, माकपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश करात और वृंदा करात तथा माकपा के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन शामिल थे।
अच्युतानंदन के पार्थिव शरीर को पार्टी के लाल झंडे में लपेटने के बाद उनके गृहनगर अलप्पुझा ले जाने के लिए विशेष रूप से सुसज्जित केरल राज्य पथ परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बस में रखा गया।
तिरुवनंतपुरम में हजारों लोगों ने अच्युतानंदन को अश्रुपूर्ण विदाई दी। यह वही शहर है जहां अच्युतानंदन लगभग पांच दशक तक राजनीति में सक्रिय योगदान दिया।
उनके पार्थिव शरीर को ले जाने वाले वाहन के रात तक तटीय शहर पहुंचने की उम्मीद है, जहां रास्ते में जगह-जगह लोगों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
वरिष्ठ नेता वी. एस. अच्युतानंदन के पार्थिव शरीर को सुबह उनके बेटे के आवास से सचिवालय के अंदर दरबार हॉल में लाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एंबुलेंस के साथ थे। कई अन्य लोग अपने-अपने वाहनों में एंबुलेंस के पीछे-पीछे आए।
सोमवार रात जब अच्युतानंदन का पार्थिव शरीर पुराने एकेजी सेंटर में रखा गया, तो महिलाओं, बुजुर्गों और छात्रों सहित हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। रात करीब 11 बजकर 45 मिनट पर अच्युतानंदन के पार्थिव शरीर को तिरुवनंतपुरम में उनके बेटे के आवास पर ले जाया गया और सुबह तक वहीं रखा गया।
मध्यरात्रि को भी बड़ी संख्या में लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने के लिए उनके बेटे के आवास के सामने एकत्र हो गए।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार बुधवार दोपहर को अलप्पुझा वलिया चुडुकाडु स्थित शवदाह गृह में किया जाएगा।
राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में मंगलवार को सार्वजनिक अवकाश और तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
अच्युतानंदन का सोमवार अपराह्न तीन बजकर 20 मिनट पर पट्टोम एसयूटी अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में इलाज के दौरान निधन हो गया। अच्युतानंदन 23 जून को दिल का दौरा पड़ने के बाद से उपचाराधीन थे।
माकपा के संस्थापक सदस्य अच्युतानंदन श्रमिकों के अधिकारों, भूमि सुधारों और सामाजिक न्याय के आजीवन पक्षधर रहे।
उन्होंने 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दी और सात बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए, जिसमें से तीन बार वह विपक्ष के नेता रहे थे।