बेंगलुरु, 28 मई (वेब वार्ता) आईपीएल में काफी महंगे साबित हुए गेंदबाज क्या अगले महीने होने वाले टी20 विश्व कप में थोड़ी राहत की उम्मीद कर सकते हैं? इस प्रश्न की उत्पत्ति आईपीएल के नवीनतम सत्र में टी20 बल्लेबाजी में आए बदलाव के कारण हुई है। आईपीएल 2024 से पहले लीग में केवल एक बार 250 रन का आंकड़ा पार किया गया था लेकिन हाल ही में समाप्त हुए सत्र में टीमें आठ बार ऐसा करने में सफल रहीं। आईपीएल में बल्लेबाजी को नया आयाम देने वाले ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड और वेस्टइंडीज के आंद्रे रसेल जैसे बल्लेबाज अगले महीने वेस्टइंडीज और अमेरिका में होने वाले टी20 विश्व कप में भी खेलते हुए नजर आएंगे। लेकिन कई कारणों से उनका रवैया विश्व कप में उतना एक आयामी नहीं हो सकता जितना कि आईपीएल में था।
सबसे पहले तो टीमों को विश्व कप में इंपेक्ट खिलाड़ी की सुविधा नहीं मिलेगी। मिचेल स्टार्क ने कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को तीसरा आईपीएल खिताब दिलाने में बड़ी भूमिका निभाने के बाद उस बात को स्वीकार किया।
स्टार्क ने कहा था, ‘‘यहां (आईपीएल में) इंपेक्ट खिलाड़ी नियम है और टी20 विश्व कप में ऐसा नहीं होगा। आपको अपने ऑलराउंडरों पर अधिक भरोसा करना होगा। आप अपने बल्लेबाजी ऑलराउंडर को आठवें नंबर पर नहीं रख सकते जैसा कि आपने आईपीएल किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि टी20 विश्व कप में आप इस तरह के बड़े स्कोर देखेंगे क्योंकि वहां एक बल्लेबाज कम होगा।’’
आईपीएल के शुरुआती हिस्से में चेन्नई सुपरकिंग्स ने तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर शिवम दुबे को इंपेक्ट खिलाड़ी नियम के माध्यम से एक बल्लेबाज के रूप में इस्तेमाल किया था।
दुबे ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू और नाइट राइडर्स के खिलाफ कुछ मैच विजेता पारियां खेलीं।
लेकिन विश्व कप में बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को अंतिम एकादश में जगह पाने के लिए अपने गेंदबाजी कौशल का भी प्रदर्शन करना होगा क्योंकि उप कप्तान हार्दिक पंड्या भी इसी तरह की भूमिका निभाते हैं और पहली पसंद बने हुए हैं। कप्तान रोहित शर्मा ने यह बात पहले ही स्पष्ट कर दी है।
हालांकि यह कहानी का सिर्फ एक हिस्सा है। बल्लेबाजों को उन पिचों से भी निपटना होगा जो आईपीएल में इस्तेमाल की गई पिचों से बहुत अलग होंगी।
एक अनुभवी क्यूरेटर ने पीटीआई को बताया, ‘‘वेस्टइंडीज की पिचें अब वैसी नहीं हैं जैसी 80 या 90 के दशक में हुआ करती थीं। अब वे धीमी हैं और कई बार गेंद रुककर भी आती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि गेंदबाज, विशेषकर स्पिनर आईपीएल की तुलना में कहीं अधिक भूमिका निभाएंगे, विशेषकर टूर्नामेंट के दूसरे सप्ताह से।’’
क्यूरेटर ने कहा, ‘‘भारत ने अपनी टीम में चार स्पिनरों को शामिल किया है। यह शायद वेस्टइंडीज की पिचों की प्रकृति के कारण था। इसलिए मुझे नहीं लगता कि हम वहां 250 का स्कोर देख पाएंगे।’’
अमेरिका में केवल फ्लोरिडा के पास हाई प्रोफाइल क्रिकेट मैचों की मेजबानी करने का पूर्व अनुभव है। न्यूयॉर्क और टेक्सास पहली बार इस खेल की मेजबानी की तैयारी कर रहे हैं। तो क्या इससे रन बनाने की दर पर असर पड़ेगा?
क्यूरेटर ने कहा, ‘‘हां, ऐसा हो सकता है कि शुरुआत में टीमें पिच और अन्य परिस्थितियों का आकलन करना चाहेंगी। मुझे लगता है कि इनमें से कुछ स्थानों पर उपयोग की जा रही ड्रॉप इन पिचें प्राकृतिक पिचों की तुलना में बेहतर होंगी इसलिए हम उस दौर में कुछ बड़े स्कोर वाले मैच देख सकते हैं।’’
वेस्टइंडीज में अंतरराष्ट्रीय और फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने का अपार अनुभव रखने वाले ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने इससे सहमति व्यक्त की।
वार्नर ने कहा, ‘‘कैरेबिया में पिचें सूखी होने के कारण गेंद खुरदरी हो जाएगी और स्पिन करने लगेगी। आईपीएल में गेंद की ऊपरी परत लंबे समय तक रहती है और इसलिए गेंद कम टर्न करती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने वहां काफी क्रिकेट खेला है और सीपीएल (कैरिबियाई प्रीमियर लीग) में भी खेला हूं। विकेट धीमे और कम उछाल वाले होते जाते हैं।’’
आईपीएल 2024 में औसत रन रेट 9.56 था जो टूर्नामेंट के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है। इसके अलावा औसत स्कोर 180 से ऊपर रहा। हैदराबाद में पहली पारी का औसत स्कोर 230 रन के आसपास था।
हालांकि जैसा कि कुछ आंकड़ों से पता चलेगा वेस्टइंडीज के स्टेडियम अलग तरह के हैं।
एंटीगा में औसत टी20 स्कोर 123 रन है और बारबडोस में यह 138 रन है। गयाना में यह 124 तो त्रिनिदाद में केवल 115 रन है। सेंट विन्सेंट में औसत टी20 स्कोर 118 जबकि ग्रॉस आइलेट में सर्वाधिक 139 है।
इन आंकड़ों को देखते हुए गेंदबाजों के कम से कम एक महीने के लिए टी20 में दबदबा बनाने की उम्मीद है।