बैंकॉक, (वेब वार्ता)। एशियाई अंडर-22 मुक्केबाजी चैंपियनशिप में महिलाओं के 80 किग्रा वर्ग में रीतिका ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस जीत के साथ भारत ने इस प्रतियोगिता में कुल चार स्वर्ण पदक सहित पदक तालिका में चौथा स्थान हासिल किया। भारतीय अंडर-22 टीम ने कुल 13 पदक (चार स्वर्ण, तीन रजत और छह कांस्य) के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि अंडर-19 टीम ने तीन स्वर्ण, सात रजत और चार कांस्य सहित कुल 14 पदक हासिल कर पदक तालिका में दूसरा स्थान प्राप्त किया।
रीतिका का दमदार प्रदर्शन
रीतिका ने कजाखस्तान की मुक्केबाज असेल तोकतास्यन को तकनीकी और रणनीतिक रूप से मात दी। उनकी आक्रमण और रक्षण की शैली ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस जीत ने भारतीय मुक्केबाजी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और देश के लिए गर्व का क्षण साबित हुआ है।
अन्य भारतीय मुक्केबाजों का प्रदर्शन
प्रतियोगिता के आखिरी दिन पांच भारतीय मुक्केबाजों ने हिस्सा लिया, जिनमें से रीतिका ही स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं। महिला 57 किग्रा वर्ग की यात्री पटेल को उज्बेकिस्तान की खुमोराबोनू मामाजोनोवा से हार का सामना करना पड़ा और वे रजत पदक पर संतोष कर सकीं। 60 किग्रा वर्ग की प्रिया ने चीन की यू तियान को कड़ी टक्कर दी, लेकिन 2-3 के मामूली अंतर से हार गईं।
पुरुष वर्ग में, नीरज को 75 किग्रा फाइनल में उज्बेकिस्तान के शावकतजोन बोल्टायेव से हार मिली, जबकि 90 किग्रा वर्ग के ईशान कटारिया ने उज्बेकिस्तान के खलीमजोन मामासोलिएव के खिलाफ स्वर्ण पदक मुकाबला गंवाया। इन दोनों मुक्केबाजों ने रजत पदक हासिल किया।
समग्र रूप से भारत का प्रदर्शन
यह प्रतियोगिता भारतीय मुक्केबाजी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर रही है। युवा खिलाड़ियों ने विश्वस्तर पर दमदार प्रदर्शन किया है और आने वाले वर्षों में भारत की मुक्केबाजी को नई पहचान दिलाने की उम्मीद जगाई है।