नयी दिल्ली, 16 मई (वेब वार्ता) अनुभवी शरत कमल और दुनिया की 24वें नंबर की खिलाड़ी मनिका बत्रा पेरिस खेलों में क्रमशः भारतीय पुरुष और महिला टीम का नेतृत्व करेंगे जहां देश टीम स्पर्धाओं में ओलंपिक में पदार्पण करेगा।
भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) की सीनियर चयन समिति ने गुरुवार को ओलंपिक मानदंडों के अनुसार छह सदस्यीय टीम (प्रत्येक वर्ग में तीन) का चयन किया। इसके अलावा एकल स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करने वाले खिलाड़ियों का भी चयन किया गया।
शरत, हरमीत देसाई और मानव ठक्कर को तीन सदस्यीय पुरुष टीम में जगह मिलेगी जबकि मनिका, श्रीजा अकुला और अर्चना कामथ महिला वर्ग में टीम के सदस्य होंगे। प्रत्येक वर्ग में ‘वैकल्पिक खिलाड़ी’ जी साथियान और आयहिका मुखर्जी होंगे। पुरुष एकल में शरत और हरमीत प्रतिस्पर्धा करेंगे जबकि महिला एकल में मनिका और श्रीजा चुनौती पेश करेंगी। यह निर्णय नवीनतम विश्व रैंकिंग के आधार पर लिया गया है।
वर्ष 2004 में ओलंपिक पदार्पण करने वाले 41 वर्षीय शरत का यहां पांचवां और अंतिम ओलंपिक होगा।
टीमों और व्यक्तिगत स्पर्धाओं के लिए खिलाड़ियों का चयन टीटीएफआई के पहले से निर्धारित मानदंडों के अनुसार किया गया था। तीन खिलाड़ियों का चयन पिछले कुछ समय में उनके प्रदर्शन की निरंतरता और विश्व रैंकिंग के अनुसार ‘स्वत:’ हुआ।
हालांकि महिला टीम की तीसरी खिलाड़ी को लेकर बहस चल रही थी। मनिका और श्रीजा अकुला अपनी उच्च विश्व रैंकिंग (शीर्ष 50 के अंदर) के आधार पर टीम का हिस्सा बनीं जबकि अर्चना (103) ने तीसरे खिलाड़ी के रूप में टीम में जगह बनाई।
बेंगलुरू की अर्चना ने अपनी रैंकिंग सहित कई मामलों में आयहिका (133) को पीछे छोड़ दिया।
पुरुष टीम में 40वीं विश्व रैंकिंग के साथ शरत का चयन शीर्ष भारतीय खिलाड़ी के रूप में स्वत: हुआ जबकि हरमीत (63) और मानव (62) की विश्व रैंकिंग में सिर्फ एक नंबर का अंतर है।
हालांकि दोनों ने टीम में जगह बनाई है लेकिन राष्ट्रीय चैंपियन हरमीत को उनके अंतरराष्ट्रीय (जीत-हार का बेहतर रिकॉर्ड) और राष्ट्रीय प्रदर्शन के आधार पर एकल वर्ग के लिए चयनकर्ताओं की मंजूरी मिली।
बैठक में मासिमो कोस्टेंटिनी विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में उपस्थित थे और उनकी सलाह उपयोगी रही होगी।
कोस्टेंटिनी अगले सप्ताह तीसरी बार भारतीय टीम की कमान संभालेंगे। वह इस सप्ताह की शुरुआत में भारत पहुंचे।
वैकल्पिक खिलाड़ी साथियान और आयहिका टीम के साथ पेरिस जाएंगे लेकिन आधिकारिक खेल गांव में नहीं रहेंगे। चोट लगने की स्थिति में उनकी सेवाओं की आवश्यकता होगी।