श्रीनगर, (वेब वार्ता)। जम्मू-कश्मीर की खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम के तहत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को ‘कश्मीर सुपर लीग-2025’ के क्वालीफायर 2 मुकाबले का निरीक्षण किया। श्रीनगर में आयोजित इस हाई-स्टेक मुकाबले को देखने के लिए भारी संख्या में फुटबॉल प्रेमी मौजूद रहे।
⚽ खिलाड़ियों से की मुलाकात, आयोजकों को दी बधाई
उपराज्यपाल ने खिलाड़ियों और अधिकारियों से संवाद कर जम्मू-कश्मीर खेल परिषद और कश्मीर सुपर लीग के आयोजकों व प्रायोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि:
“कश्मीर सुपर लीग जम्मू-कश्मीर के फुटबॉल इतिहास में मील का पत्थर सिद्ध होगी। इसकी सफलता राज्य के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने की नींव रखेगी।”
🏆 क्वालीफायर मुकाबले में दिखा जोश
क्वालीफायर 2 मैच एक्वा कश्मीर एवेंजर्स एफसी और आर्को यूनाइटेड एफसी के बीच खेला गया। दोनों टीमों ने बेहतरीन खेल प्रदर्शन किया, जिससे दर्शकों में रोमांच चरम पर रहा।
🎯 कश्मीर सुपर लीग 2025 के उद्देश्य
इस लीग का आयोजन केवल प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं, बल्कि राज्य की युवाशक्ति को एक प्रशिक्षित, प्रतिस्पर्धी और पेशेवर मंच प्रदान करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं:
युवाओं को प्रेरित करना
स्थानीय फुटबॉल प्रतिभाओं को मौका देना
दीर्घकालिक खेल करियर के अवसर बनाना
पेशेवर स्पोर्ट्स इकोसिस्टम को बढ़ावा देना
सामुदायिक जुड़ाव गतिविधियां संचालित करना (स्कूल विज़िट, फुटबॉल क्लीनिक, फैन एंगेजमेंट)
🧒 युवाओं की भागीदारी और समर्थन
इस बार की कश्मीर सुपर लीग में विभिन्न क्लबों और कॉर्पोरेट संस्थाओं से जुड़ी टीमों की उत्साही भागीदारी देखी जा रही है। यह लीग जम्मू-कश्मीर में उभरती फुटबॉल प्रतिभाओं को आगे लाने और उन्हें प्रोफेशनल स्तर पर तैयार करने के लिए कौशल मंच के रूप में विकसित हो रही है।
🏅 सम्मान समारोह
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर लीग में भाग लेने वाली सभी छह टीमों के मालिकों को सम्मानित किया। उनके साथ कार्यक्रम में मौजूद थे:
सरमद हफीज, आयुक्त सचिव, समाज कल्याण विभाग
अक्षय लाबरू, उपायुक्त, श्रीनगर
नुजहत गुल, सचिव, जम्मू-कश्मीर खेल परिषद
नागरिक प्रशासन, पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी
प्रमुख खेल हस्तियां
भारी संख्या में युवा और स्थानीय दर्शक
📸 आयोजन बना खेल संस्कृति का प्रतीक
फुटबॉल मैदान पर उमड़ी भारी भीड़ और पूरे राज्यभर से जुड़ते समुदाय इस बात का प्रतीक हैं कि जम्मू-कश्मीर अब खेलों के जरिए सामाजिक समरसता, युवा शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का नया केंद्र बन रहा है।