-मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड की कप्तानी पर उठे सवाल, जडेजा और सुंदर को शतक से रोकने की चाल से भड़के पूर्व भारतीय दिग्गज
मैनचेस्टर, (वेब वार्ता)। भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर टेस्ट भले ही ड्रॉ रहा हो, लेकिन इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स का रवैया विवादों में घिर गया है। उनके बयानों, फैसलों और मैदान पर व्यवहार को लेकर भारतीय क्रिकेट दिग्गजों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। खासतौर पर सुनील गावस्कर ने स्टोक्स की कथनी और करनी पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें बड़बोला और पाखंडी करार दिया।
स्टोक्स के डबल धमाल से ज़्यादा चर्चा उनके पैंतरों की
हालांकि बेन स्टोक्स ने इस मैच में शतक और पांच विकेट लेकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया, लेकिन चर्चा उनके उस कदम की है, जिसमें उन्होंने रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर को शतक से रोकने के लिए समय से पहले ड्रॉ घोषित करने की कोशिश की।
गावस्कर ने किया तीखा वार: “600 रन चाहिए थे ना? अब क्या हुआ?”
सुनील गावस्कर ने सोनी स्पोर्ट्स पर कहा, “अगर आप 600 रन चेज कर सकते हैं तो भारत ने आपको मौका दिया, फिर क्या हुआ? आप 336 रन पीछे रह गए। यह बहादुरी नहीं, बड़बोलापन था। अगर मैं शुभमन गिल होता, तो स्टोक्स से पूछता- ‘आपने ऐसा क्यों किया?’”
उन्होंने स्टोक्स की उस मानसिकता पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने खुद शतक पूरा किया लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों को नहीं करने दिया।
गिल, सुंदर और जडेजा का जवाब: बल्ले से मिला करारा तमाचा
दूसरी पारी में भारत के लिए केएल राहुल (90), शुभमन गिल (103), रविंद्र जडेजा (107*) और वाशिंगटन सुंदर (101*) ने ऐसी बल्लेबाज़ी की, जिसने इंग्लैंड की जीत की उम्मीदों को चूर कर दिया। भारत ने 143 ओवर में सिर्फ 4 विकेट खोकर 425 रन बनाए और मैच ड्रॉ कराया।
शुभमन गिल ने मैच के बाद कहा, “दोनों बल्लेबाज 90 के पार थे। उन्होंने अपनी मेहनत से वो मुकाम पाया था, तो उन्हें शतक से रोकना अन्याय होता। स्टोक्स के प्रस्ताव को ठुकराना सही फैसला था।”
नासिर हुसैन और मांजरेकर की कड़ी आलोचना
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने स्टोक्स के रवैये को ‘नासमझ’ बताते हुए कहा, “जडेजा और सुंदर शतक के हकदार थे। ब्रूक से गेंदबाज़ी कराकर स्टोक्स ने खुद को हास्यास्पद बना दिया।”
संजय मांजरेकर ने कहा, “यह बेजबॉल क्रिकेट की हताशा थी। भारत ने उन्हें हतप्रभ कर दिया। स्टोक्स एक बिगड़ैल बच्चे की तरह बर्ताव कर रहे थे।”
जब जडेजा ने हाथ मिलाने से मना किया…
चौथे टेस्ट के अंतिम सत्र में जब स्टोक्स ने हाथ मिलाकर ड्रॉ की पेशकश की, उस वक्त जडेजा 89 और सुंदर 80 पर थे। लेकिन दोनों ने बल्लेबाज़ी जारी रखी और शतक जड़े। यह घटना दर्शाती है कि स्टोक्स के प्रस्ताव में खेल भावना कम, ईर्ष्या अधिक थी।
गौतम गंभीर का समर्थन: “अगर इंग्लैंड का बल्लेबाज़ होता तो?”
कोच गौतम गंभीर ने मैच के बाद कहा, “अगर इंग्लैंड का कोई खिलाड़ी 90 या 85 पर होता, तो क्या आप उसे रोकते? हमारे खिलाड़ियों ने वही किया जो उन्हें करना चाहिए था – अपने देश के लिए शतक बनाना।”
निष्कर्ष: स्टोक्स के ‘बड़बोलेपन’ का करारा जवाब भारत ने मैदान पर दिया
बेन स्टोक्स का दावा कि ‘600 रन का लक्ष्य दो, हम जीत लेंगे’ अब महज़ एक खोखली डींग साबित हुआ। भारत ने बल्ले से जवाब दिया और इंग्लैंड की जीत की उम्मीदों को तहस-नहस कर दिया।
सुनील गावस्कर, नासिर हुसैन और संजय मांजरेकर जैसे दिग्गजों की आलोचना के बाद यह साफ है कि स्टोक्स को अपने रवैये पर आत्ममंथन करना होगा।