Tuesday, October 21, 2025
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वाइस एडमिरल संजय वात्सायन ने नौसेना उप प्रमुख का कार्यभार संभाला

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारतीय नौसेना को उसका 47वां उप प्रमुख मिल गया है। वाइस एडमिरल संजय वात्सायन ने शुक्रवार को इस महत्वपूर्ण पद का कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने पदभार ग्रहण से पूर्व राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।


🔹 समर्पण और सेवाभाव का परिचायक है वात्सायन का करियर

वाइस एडमिरल संजय वात्सायन, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे के 71वें कोर्स के पूर्व छात्र हैं। उन्हें 1 जनवरी 1988 को भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त हुआ था। वह गनरी और मिसाइल प्रणालियों के विशेषज्ञ हैं और तीन दशकों से अधिक के विशिष्ट नौसैनिक अनुभव के साथ, वे युद्धपोत संचालन, नेतृत्व और नीति-निर्धारण के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं।


महत्वपूर्ण जहाजों पर सेवा और नेतृत्व

वाइस एडमिरल ने नौसेना के अग्रिम पंक्ति के कई युद्धपोतों पर सेवा की है, जिनमें शामिल हैं:

  • गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मैसूर (कार्यकारी अधिकारी)

  • आईएनएस निशंक और तटरक्षक ओपीवी संग्राम (कमीशनिंग क्रू)

  • आईएनएस नाशक, आईएनएस विभूति, आईएनएस कुठार, और आईएनएस सह्याद्री (कमांडिंग ऑफिसर)

आईएनएस सह्याद्री के वे कमीशनिंग कमांडिंग ऑफिसर भी रहे। फरवरी 2020 में उन्होंने पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्यभार संभाला और गलवान संघर्ष के बाद की समुद्री गतिविधियों का प्रभावशाली संचालन किया।


📚 नीति निर्माण से लेकर युद्ध रणनीति तक

फ्लैग ऑफिसर संजय वात्सायन ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन, नेवल वॉर कॉलेज, गोवा, और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली से शिक्षा प्राप्त की है। उनके रणनीतिक और नीति-निर्माण संबंधी योगदान भी उल्लेखनीय रहे हैं।

वे नौसेना मुख्यालय में संयुक्त निदेशक, कार्मिक निदेशक (नीति), नौसेना योजना निदेशक, और प्रधान नौसेना योजना निदेशक जैसे उच्च पदों पर नियुक्त रहे।


🏅 सम्मान और पुरस्कार

वाइस एडमिरल को 2021 में अति विशिष्ट सेवा पदक (AVSM) से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें असाधारण नेतृत्व क्षमता और उच्च कोटि की सेवाओं के लिए प्रदान किया गया।


🛡️ आईडीएस में भी निभाई अहम भूमिका

वीसीएनएस का कार्यभार संभालने से पूर्व, उन्होंने एकीकृत रक्षा स्टाफ (आईडीएस) में भी अहम भूमिकाएं निभाईं। वे डीसीआईडीएस (ऑपरेशन्स) और बाद में डीसीआईडीएस (नीति, योजना और बल विकास) रहे। इन पदों पर उन्होंने तीनों सेनाओं के बीच समन्वय, स्वदेशीकरण, संयुक्तता और बल विकास की नीतियों को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभाई।


🧭 पूर्वी नौसेना कमान के प्रमुख के रूप में नेतृत्व

दिसंबर 2021 में उन्हें पूर्वी नौसेना कमान का प्रमुख नियुक्त किया गया। यहां उन्होंने परिचालन तत्परता, कार्मिक विकास, और बुनियादी ढांचे के विस्तार जैसे क्षेत्रों में प्रभावशाली नेतृत्व किया।


🔚 निष्कर्ष

वाइस एडमिरल संजय वात्सायन का कार्यभार ग्रहण करना भारतीय नौसेना के लिए एक नई रणनीतिक दिशा की ओर संकेत है। उनके अनुभव, नेतृत्व और रणनीतिक सोच से न केवल नौसेना को लाभ होगा, बल्कि भारत की समुद्री सुरक्षा को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में योगदान मिलेगा।

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