नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नरमी के संकेत दिए हैं। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर हालिया पोस्ट में ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘अच्छा दोस्त’ बताते हुए दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को सफल बनाने की उम्मीद जताई। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने भी सकारात्मक जवाब दिया, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों में सुधार की उम्मीदें बढ़ी हैं।
ट्रंप का नरम रुख, व्यापार वार्ता
पर जोर
ट्रंप ने मंगलवार को ट्रूथ सोशल पर लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका, दोनों देशों के बीच व्यापार में परेशानियों को दूर करने के लिए बातचीत जारी रख रहे हैं। मैं आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे यकीन है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी।”
इस बयान को भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। बीते कुछ महीनों में ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाए थे, जिसमें रूस से तेल खरीदने के लिए 25% अतिरिक्त शुल्क शामिल था। भारत ने इस कदम को ‘अनुचित और अविवेकपूर्ण’ करार दिया था।
“भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध हैं। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। बस कभी-कभी हमारे बीच कुछ खास पल आते हैं।”
– डोनाल्ड ट्रंप
पीएम मोदी का जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के बयान का स्वागत करते हुए बुधवार को एक्स पर लिखा, “मैं राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक आकलन की सराहना करता हूं और उनका पूरा समर्थन करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच बहुत सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।”
उन्होंने आगे कहा, “दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत साझेदारी की असीम संभावनाओं का रास्ता दिखाएगी। मैं भी राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं। हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्ज्वल और अधिक समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।” ट्रंप ने पीएम मोदी की इस पोस्ट को अपने एक्स अकाउंट पर साझा किया, जो दोनों नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का प्रतीक है।
रूस तेल विवाद और टैरिफ तनाव
पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव देखा गया, खासकर भारत के रूस से तेल खरीद और टैरिफ को लेकर। ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया, जिसमें रूस से तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त 25% शुल्क शामिल था। ट्रंप ने इसे रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के रूप में देखा।
“मुझे बहुत निराशा हुई है कि भारत रूस से इतना तेल खरीद रहा है। हमने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जो बहुत ऊंचा है।”
– डोनाल्ड ट्रंप
भारत ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उसकी तेल खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की जरूरतों पर आधारित है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद भारत ने छूट पर उपलब्ध रूसी तेल खरीदना शुरू किया था, जिससे वह वैश्विक तेल कीमतों को स्थिर रखने में मदद कर रहा है।
एससीओ बैठक और ट्रंप की प्रतिक्रिया
हाल ही में 31 अगस्त और 1 सितंबर को चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस मुलाकात की तस्वीरों पर ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा, “हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया।”
हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान को संशोधित करते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता कि हमने भारत को खोया है।” उन्होंने यह भी दोहराया कि वह हमेशा पीएम मोदी के दोस्त रहेंगे।
भविष्य की संभावनाएं
ट्रंप और मोदी के बीच हालिया बयानों से दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है। दोनों नेता द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहे हैं। भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
हालांकि, ट्रंप की नीतियों में अनिश्चितता और रूस से तेल खरीद को लेकर उनकी आपत्तियां अब भी चुनौतियां पेश कर रही हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा।
India and the US are close friends and natural partners. I am confident that our trade negotiations will pave the way for unlocking the limitless potential of the India-US partnership. Our teams are working to conclude these discussions at the earliest. I am also looking forward… pic.twitter.com/3K9hlJxWcl
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2025