नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को व्यवस्था दी कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति शेखर यादव को उनके पद से हटाए जाने की मांग का मामला सभापति के अधिकार क्षेत्र का विषय है ‘और अंतत: संसद तथा राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में आता है।’
श्री धनखड़ ने राज्य सभा के महासचिव को यह सूचना उच्चतम न्यायालय के महापंजीयक तक पहुंचाने का निर्देश दिये है।
सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही समाप्त होते ही श्री धनखड़ ने न्यायमूर्ति शेखर यादव को पद से हटाने के संबंध में गत दिसंबर में प्राप्त कुछ सदस्यों के नोटिस का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘माननीय सदस्यगण, मुझे 13 दिसंबर 2024 को प्राप्त एक अदिनांकित नोटिस प्राप्त हुआ है, जिसमें राज्यसभा के 55 माननीय सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। इस नोटिस में संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर यादव को पद से हटाने की माँग की गई है। ”
सभापति ने व्यवस्था दी, ‘‘उल्लेखित विषय संवैधानिक रूप से राज्य सभा के सभापति के अधिकार क्षेत्र में आता है और अंतत: यह संसद और माननीय राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र का विषय है।”
श्री धनखड़ ने राज्य सभा महासचिव को सदन में की गयी इस घोषणा की जानकारी उच्चतम न्यायालय के महापंजीयक तक पहुंचान का निर्देश देते हुए कहा, ‘‘इस व्यवस्था की उपलब्ध सार्वजनिक जानकारी एवं प्राप्त निविष्टियां को ध्यान में रखते हुए, यह उचित होगा कि राज्यसभा के महासचिव इस सूचना को उच्चतम न्यायालय के महापंजीयक के साथ साझा करें। ”