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तेजस्वी का पीएम पर पलटवार: “पीएम करें अपने पुराने बयानों की समीक्षा”

पटना, (वेब वार्ता)। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयानों पर तीखा पलटवार किया है। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री द्वारा उनकी मां के खिलाफ कथित अपशब्दों पर भावुक टिप्पणी को लेकर सवाल उठाए और BJP पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “माँ” शब्द सुनते ही सम्मान और सुकून का भाव आता है, लेकिन प्रधानमंत्री को अपने पुराने बयानों की समीक्षा करनी चाहिए, जहां उन्होंने विपक्षी नेताओं और उनके परिवारों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।

विवाद की पृष्ठभूमि: दरभंगा में “वोटर अधिकार यात्रा”

यह विवाद दरभंगा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान शुरू हुआ, जब मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ कथित तौर पर अपशब्द बोले गए। इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने 2 सितंबर 2025 को एक कार्यक्रम में भावुक होकर कहा कि यह न केवल उनकी मां का अपमान है, बल्कि “देश की हर मां, बहन, और बेटी का अपमान” है। उन्होंने कांग्रेस और RJD पर निशाना साधते हुए बिहार के लोगों से इस मुद्दे को उठाने की अपील की। NDA ने इस घटना के विरोध में 4 सितंबर को बिहार बंद का आह्वान किया।

तेजस्वी का पलटवार: “माँ तो माँ होती है”

तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वे किसी की मां के खिलाफ अपशब्दों का समर्थन नहीं करते। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:

“माँ तो माँ होती है। माँ शब्द जुबान पर आते ही कितना सुकून मिलता है। जो बेजुबान है, माँ तो उनकी भी होती है। किसी को भी किसी की माँ-बहन-बेटी के प्रति अपशब्द नहीं बोलना चाहिए।”

हालांकि, तेजस्वी ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए उनके पुराने बयानों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोनिया गांधी को “50 करोड़ की गर्लफ्रेंड” और “जर्सी गाय” जैसे शब्दों से संबोधित किया, साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के DNA पर सवाल उठाए। तेजस्वी ने सवाल किया:

“जब प्रधानमंत्री महिलाओं और विपक्षी नेताओं के परिवारों के लिए अपमानजनक शब्द बोलते हैं, तब इसे ‘मास्टर स्ट्रोक’ क्यों कहा जाता है? लेकिन जब दूसरों पर आरोप लगते हैं, तो वे आंसू बहाते हैं?”

BJP पर दोहरे मापदंड का आरोप

तेजस्वी ने BJP पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कई उदाहरण गिनाए:

  • प्रज्वल रेवन्ना के लिए प्रधानमंत्री द्वारा चुनाव प्रचार, जिन पर बलात्कार के गंभीर आरोप हैं।

  • BJP विधायकों द्वारा बिहार विधानसभा में तेजस्वी और उनकी मां को गालियां देने की घटना।

  • RJD प्रवक्ता सारिका पासवान के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को BJP द्वारा पार्टी में शामिल करना और सम्मानित करना।

तेजस्वी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री तब चुप रहते हैं जब बिहारियों को गुजरात में अपमानित किया जाता है, किसानों और युवाओं पर लाठियां बरसती हैं, या मणिपुर में महिलाओं के साथ अत्याचार होता है। उन्होंने इसे “दिखावटी और मिलावटी राजनीति” करार दिया।

वोटर अधिकार यात्रा और राजनीतिक रणनीति

तेजस्वी ने दावा किया कि वोटर अधिकार यात्रा को बिहार की जनता का अपार समर्थन मिला, जिससे BJP और NDA बेचैन हैं। उन्होंने कहा कि बिहार बंद और मां के अपमान का मुद्दा चुनावी चोरी से ध्यान भटकाने का प्रयास है। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा:

“जब वे विदेश में ठहाके लगा रहे थे, तब उन्हें कोई दुख नहीं था। अब भारत लौटकर आंसू बहा रहे हैं।”

RJD नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का AIMIM या असदुद्दीन ओवैसी के साथ कोई गठबंधन नहीं है, और इस तरह की अफवाहें BJP द्वारा फैलाई जा रही हैं।

सियासी घमासान और भविष्य

बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद सियासी तापमान को और बढ़ा रहा है। BJP और NDA इस मुद्दे को महिलाओं के सम्मान से जोड़कर RJD और कांग्रेस पर हमलावर हैं, जबकि तेजस्वी ने प्रधानमंत्री के पुराने बयानों को उठाकर BJP की नैतिकता पर सवाल खड़े किए हैं। बिहार की जनता इस सियासी जंग को करीब से देख रही है, और यह विवाद आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

तेजस्वी ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे संयम बरतें और सामाजिक एकता को बनाए रखें। उन्होंने कहा:

“हमारी लड़ाई BJP की विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ है। हम बिहार की जनता के हक और सम्मान के लिए लड़ते रहेंगे।”

निष्कर्ष

तेजस्वी यादव का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यह पलटवार बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है। मां जैसे संवेदनशील मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच तीखी बयानबाजी ने 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारियों को और गर्म कर दिया है। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री को उनके पुराने बयानों की समीक्षा करने की सलाह दी है, जबकि BJP इसे विपक्ष की संवेदनहीनता के रूप में पेश कर रही है। यह सियासी जंग अब बिहार की जनता के सामने है, जो तय करेगी कि इस विवाद का असर उनके वोट पर कितना पड़ेगा।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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