Tuesday, March 18, 2025
Homeराष्ट्रीययोगी के बुलडोजर एक्शन पर नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट.....फटकार लगा दी

योगी के बुलडोजर एक्शन पर नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट…..फटकार लगा दी

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना लोगों के घर गिरने के मामले पर संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगा दी है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाई चौंकाने वाली है और बेहद गलत उदाहरण पेश करती है। सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय ओका और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने घरों को तोड़ने को अत्याचारी कदम बताया है। साथ ही कोर्ट ने ढहाए गए घरों के पुनर्निर्माण के निर्देश भी दिए हैं।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रथम दृष्टया, यह कार्रवाई चौंकाने वाली है और गलत संदेश देती है। आप घरों को तोड़कर इसतरह का एक्शन क्यों ले रहे हैं। हम जानते हैं कि इस तरह के तकनीकी तर्कों से कैसे निपटना है। आखिरकार अनुच्छेद 21 और आश्रय के अधिकार जैसी कोई चीज होती है। सुप्रीम कोर्ट में जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद, दो विधवाओं और एक अन्य व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई चल रही थी, जिन्होंने योगी सरकार पर गैर कानूनी तरीके से घरों को गिराने के आरोप लगाए हैं। वहीं योगी सरकार के मुताबिक जमीन गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद की थी, जो 2023 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।

इसके पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करने कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें मार्च 2021 में शनिवार रात को नोटिस देकर रविवार को घर तोड़ दिए गए। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि राज्य को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। वहीं योगी सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि लोगों को नोटिस का जवाब देने के लिए उचित समय दिया गया था। हालांकि जस्टिस ओका इस तर्क से असहमत थे। जस्टिस ओका ने कहा, नोटिस इस तरह क्यों चिपकाया गया? कूरियर से क्यों नहीं भेजा गया? कोई भी इस तरह नोटिस देगा और तोड़फोड़ करेगा। यह एक खराब उदाहरण है।

इस दौरान अटॉर्नी जनरल ने मामले को हाईकोर्ट में स्थांतरित करने की मांग की। एजी ने कहा, मैं डिमोलिशन का बचाव नहीं कर रहा हूं, लेकिन इस पर हाईकोर्ट को विचार करने दें। हालांकि कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, “बिल्कुल नहीं। दुबारा हाईकोर्ट नहीं जाना चाहिए। तब मामला टल जाएगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमारे बारें में

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments