नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षाओं में लगातार हो रही गड़बड़ियों और पेपर लीक की घटनाओं के खिलाफ देशभर के छात्र रविवार को रामलीला मैदान, दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पहुंचे। हजारों अभ्यर्थियों और शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज़ उठाई।
लेकिन देर शाम पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति बन गई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया और कई छात्रों को हिरासत में लिया। इस घटना ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।
राहुल गांधी का तीखा हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घटना को “डरपोक सरकार की पहचान” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा:
रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे SSC अभ्यर्थियों और शिक्षकों पर बर्बर लाठीचार्ज – शर्मनाक ही नहीं, एक डरपोक सरकार की पहचान है।
युवाओं ने सिर्फ़ अपना हक़ मांगा था – रोज़गार और न्याय। मिली क्या? लाठियां।
साफ़ है – मोदी सरकार को न देश के युवाओं की चिंता है, न उनके…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 25, 2025
प्रियंका गांधी ने पुलिस कार्रवाई को अमानवीय बताया
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा:
दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन कर रहे SSC छात्रों पर पुलिस बल प्रयोग अमानवीय और शर्मनाक है।
हर परीक्षा में धांधली, हर भर्ती में घोटाला और पेपर लीक से पूरे देश के युवा त्रस्त हैं। भाजपा राज में भर्ती प्रक्रियाओं और परीक्षाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार युवाओं का भविष्य बर्बाद…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 25, 2025
आंदोलन की पृष्ठभूमि
बीते कई महीनों से एसएससी परीक्षाओं में धांधली और तकनीकी गड़बड़ियों को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश है। जुलाई-अगस्त में देश के कई राज्यों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
6 अगस्त को स्टेनोग्राफर परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत आई, जिससे सीजीएल परीक्षा स्थगित कर दी गई। छात्रों का कहना है कि बार-बार पेपर लीक और स्थगित परीक्षाओं से उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
देशभर से जुटे अभ्यर्थी
रामलीला मैदान में सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और हरियाणा से भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पहुंचे। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार और आयोग ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो वे इसे और बड़ा रूप देंगे।
पुलिस का बल प्रयोग और गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने बताया कि छात्रों को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन की अनुमति थी। अधिकांश छात्र चले गए, लेकिन लगभग 100 छात्र मैदान में रुके। बार-बार समझाने के बाद भी छात्र हटने को तैयार नहीं हुए, जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा और 44 छात्रों को हिरासत में लिया गया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
छात्रों और कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए बर्बर लाठीचार्ज किया, और कई छात्रों को बुरी तरह पीटा गया।
राजनीति गरमाई
घटना के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसे युवाओं के साथ विश्वासघात बताया। भाजपा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार इसे कानून-व्यवस्था का मामला मान रही है।
रामलीला मैदान में अब छात्रों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज हो सकता है।
छात्रों की मांगें
एसएससी परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
पेपर लीक और तकनीकी गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच हो।
स्थगित परीक्षाओं की नई तारीख जल्द घोषित की जाए।
दोषी अधिकारियों और जिम्मेदार संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
दिल्ली में एसएससी विरोध प्रदर्शन: अभ्यर्थियों और शिक्षकों ने परीक्षा में धांधली का लगाया आरोप