नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को रोकने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के तीखे हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। पहले 11 बजे से 12 बजे तक और फिर 12 बजे से अपराह्न 3 बजे तक सदन का कामकाज ठप रहा।
सुबह से शुरू हुआ हंगामा
लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही पूर्व राज्यपाल व पूर्व सदस्य सत्यपाल मलिक को श्रद्धांजलि दी गई।
अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत छोड़ो आंदोलन (1942) की वर्षगांठ पर वीर शहीदों को नमन किया।
इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, NCP (शरद पवार) और अन्य विपक्षी सदस्य SIR को लेकर नारेबाजी करते हुए तख्तियां लहराने लगे और सदन के बीचो-बीच आ गए।
अध्यक्ष की अपील नाकाम
ओम बिरला ने कहा:
“प्रश्नकाल महत्वपूर्ण होता है, इसे बाधित करना संसदीय परंपरा के विपरीत है। पूरा देश देख रहा है कि आप नियोजित तरीके से कार्यवाही रोक रहे हैं।”
लेकिन विपक्षी सदस्यों के शोरगुल के चलते उन्हें कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
दोपहर में फिर से हंगामा
दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुनः शुरू होते ही विपक्षी दलों ने SIR पर चर्चा कराने की मांग दोहराई।
कई सदस्य तख्तियां लेकर बीचो-बीच आ गए, नारे लगाए और पीठासीन अधिकारी कृष्ण प्रसाद तेन्नेटी की अपील भी अनसुनी कर दी।
तेन्नेटी ने कहा:
“जनता ने आपको समस्याएं उठाने के लिए चुना है। रोज-रोज हंगामा करके कार्यवाही बाधित करना उचित नहीं है।”
जब विपक्षी सदस्य पीछे नहीं हटे, तो कार्यवाही अपराह्न 3 बजे तक स्थगित कर दी गई।
SIR पर बढ़ रहा राजनीतिक तनाव
SIR यानी Special Intensive Revision मतदाता सूची अद्यतन की प्रक्रिया है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इसका इस्तेमाल गरीब, अल्पसंख्यक और विपक्ष समर्थक वोटरों के नाम हटाने के लिए हो रहा है।
हाल ही में राहुल गांधी ने इसे “संस्थागत चोरी” बताते हुए BJP और निर्वाचन आयोग पर वोट चोरी के लिए साठगांठ का आरोप लगाया था।