Sunday, October 19, 2025
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शिबू सोरेन को आदिवासियों और वंचितों को सशक्त करने का जुनून था : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के पुरोधा शिबू सोरेन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने उन्हें एक “ज़मीनी नेता” बताते हुए उनके आदिवासी, गरीब और वंचित समुदायों के लिए किए गए संघर्ष की सराहना की।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा –

“श्री शिबू सोरेन जी एक ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में तरक्की की। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से समर्पित थे। उनके निधन से मुझे बहुत दुःख हुआ।”

प्रधानमंत्री ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी बात कर संवेदना जताई। उन्होंने शिबू सोरेन के परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए “ॐ शांति” लिखा।


झारखंड आंदोलन के नायक रहे शिबू सोरेन

81 वर्षीय शिबू सोरेन को “दिशोम गुरुजी” के नाम से भी जाना जाता था। वे झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन का चेहरा रहे। आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष और जनसरोकार से जुड़े मुद्दों पर उनकी पहचान एक निष्कलंक जननेता के रूप में थी।

श्री सोरेन एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका किडनी और हृदय संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था। आज सुबह उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली।


सार्वजनिक जीवन में अमिट छाप

शिबू सोरेन न केवल झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे, बल्कि उन्होंने केंद्र में भी कोयला मंत्री के रूप में सेवा दी। वे झारखंड के आदिवासी समाज के आत्मसम्मान, अधिकार और पहचान की लड़ाई के अगुवा नेता रहे। उन्होंने अपनी पूरी राजनीतिक यात्रा में वन अधिकार, जल-जंगल-ज़मीन और आदिवासी अस्मिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।

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