Saturday, August 2, 2025
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राष्ट्र सेविका समिति की पूर्व प्रमुख संचालिका प्रमिलाताई मेढ़े का निधन: संघ परिवार में शोक की लहर

संघ प्रमुख मोहन भागवत, पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि

नागपुर के देवी अहिल्या मंदिर में ली अंतिम सांस, पार्थिव शरीर एम्स को सौंपा जाएगा

नागपुर, (वेब वार्ता)। राष्ट्र सेविका समिति की चतुर्थ प्रमुख संचालिका प्रमिलाताई मेढ़े का गुरुवार को निधन हो गया। वे 97 वर्ष की थीं और पिछले तीन महीनों से उम्रजनित बीमारियों से जूझ रही थीं। उन्होंने सुबह 9:05 बजे देवी अहिल्या मंदिर, नागपुर में अंतिम श्वास ली। उनके निधन की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) समेत पूरे संघ परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है।

अंतिम दर्शन के लिए रखा गया पार्थिव शरीर

राष्ट्र सेविका समिति की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रमिला ताई की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए धंतोली स्थित देवी अहिल्या मंदिर में रखा गया है। यही स्थान वर्ष 1965 से उनका कार्य केंद्र रहा है। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार, उनका शरीर 1 अगस्त सुबह 8 बजे एम्स नागपुर को सौंपा जाएगा।


राष्ट्र स्तरीय श्रद्धांजलि: संघ और केंद्र सरकार के वरिष्ठ नेताओं ने जताया शोक

संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत स्वयं देवी अहिल्या मंदिर पहुँचे और श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान, और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए प्रमिला ताई के राष्ट्रहित में किए कार्यों को अविस्मरणीय बताया।


शिक्षा से सेवा तक: एक आदर्श जीवन यात्रा

प्रमिला मेढ़े का जन्म 8 जून 1929 को महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में हुआ था। उन्होंने बीए और बीटी तक की शिक्षा प्राप्त की और नागपुर के सीपी एंड बेरार विद्यालय में अध्यापन कार्य से अपना करियर शुरू किया। इसके पश्चात वे डीएजीपीटी कार्यालय में वरिष्ठ ऑडिटर के पद पर कार्यरत रहीं। बाल्यकाल से राष्ट्र सेविका समिति से जुड़ी प्रमिला ताई ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर स्वयं को पूर्ण रूप से राष्ट्रसेवा को समर्पित कर दिया।


समिति में 40 वर्षों से अधिक का योगदान

  • 1978–2003: प्रमुख कार्यवाहिका

  • 2003–2006: सह-प्रमुख संचालिका

  • 2006–2012: प्रमुख संचालिका

  • 2012: शांताक्का को पदभार सौंपा

उनके कार्यकाल के दौरान राष्ट्र सेविका समिति ने नारी जागरण, संस्कार निर्माण और संगठनात्मक विस्तार में बड़ी उपलब्धियाँ प्राप्त कीं।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रही सक्रिय

प्रमिलाताई ने इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा और श्रीलंका जैसे देशों में राष्ट्र सेविका समिति के विचारों और कार्यों का प्रचार-प्रसार किया। न्यू जर्सी सिटी के महापौर ने उन्हें मानद नागरिकता भी प्रदान की थी।


सम्मान और उपलब्धियाँ

  • एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, मुंबई से डी.लिट की उपाधि

  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्र सेविका समिति का प्रभाव बढ़ाया

  • सादगी, अनुशासन और सेवा भाव की प्रतीक रहीं


अंतिम संस्कार नहीं, देहदान: सेवा का अंतिम उदाहरण

प्रमिलाताई मेढ़े की अंतिम इच्छा के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर शवदाह न करके एम्स हॉस्पिटल को चिकित्सा शोध हेतु सौंपा जाएगा। यह निर्णय उनके जीवन की सेवा भावना का प्रतीक है।


राष्ट्रसेवा में जीवन समर्पित करने वाली प्रेरणा

प्रमिलाताई ने न केवल महिलाओं को संगठित किया, बल्कि उन्हें राष्ट्रनिर्माण में भागीदार बनाने की दिशा में जीवन भर कार्य किया। उनका पूरा जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

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