नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) का मकसद “संस्थागत चोरी” है, जिसके जरिए गरीबों और वंचित तबकों के मताधिकार को छीनने की साजिश की जा रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि निर्वाचन आयोग खुलेआम BJP के साथ साठगांठ कर रहा है और “वोट चोरी” का यह मॉडल देशभर की कई सीटों पर लागू किया गया। उन्होंने बिहार में SIR लागू किए जाने के पीछे भी यही कारण बताया कि “हमने उनकी चोरी पकड़ ली है।”
कांग्रेस की जांच रिपोर्ट का दावा
अपने यूट्यूब चैनल पर जारी वीडियो में राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में यहां 1,00,250 वोट चोरी हुए।
कांग्रेस के विश्लेषण के अनुसार, वोट हेरफेर के पांच प्रमुख तरीके अपनाए गए:
डुप्लीकेट मतदाता: 11,965 नाम एक से अधिक बार सूची में
फर्जी एवं अमान्य पते वाले मतदाता: 40,009
बल्क वोटर: एक ही पते पर 10,452 पंजीकरण
फर्जी फोटो वाले मतदाता: 4,132
फॉर्म-6 का दुरुपयोग: 33,692 नए फर्जी नाम जोड़े गए
राहुल गांधी का सीधा हमला
राहुल गांधी ने कहा:
“अगर भाजपा की 10-15 सीटें कम हो जातीं तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते और INDIA गठबंधन की सरकार बनती।”
उन्होंने दावा किया कि महादेवपुरा जैसा वोट चोरी मॉडल देश की 100 से अधिक लोकसभा सीटों पर लागू किया गया, जिससे चुनावी नतीजों पर बड़ा असर पड़ा।
SIR पर विवाद और विपक्ष की मांग
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना है, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि इसका इस्तेमाल वोटर लिस्ट से गरीब, अल्पसंख्यक और विपक्ष समर्थक वोटरों के नाम हटाने के लिए किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने SIR को “संस्थागत चोरी” बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग को बीजेपी के दबाव से बाहर आना चाहिए और पारदर्शी प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
निर्वाचन आयोग और BJP की प्रतिक्रिया
इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक, निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। BJP पहले ही राहुल गांधी के आरोपों को बेहुदा और आधारहीन करार दे चुकी है, जबकि कांग्रेस ने SIR की प्रक्रिया को तत्काल रोकने और संपूर्ण जांच कराने की मांग की है।