चाईबासा (झारखंड), (वेब वार्ता)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चाईबासा की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। वर्ष 2018 में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लेकर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है।
मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई, जहां राहुल गांधी सशरीर अदालत में पेश हुए और उनके वकीलों ने जमानत याचिका दायर की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद व्यक्तिगत मुचलके पर उन्हें जमानत प्रदान कर दी।
📅 मामला 2018 का, टिप्पणी बनी विवाद की जड़
यह पूरा मामला 28 मार्च 2018 का है, जब राहुल गांधी ने एक राजनीतिक कार्यक्रम में अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। इस बयान को लेकर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने चाईबासा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
शिकायत के आधार पर अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ संज्ञान लेते हुए उन्हें पेश होने का आदेश दिया। लेकिन जब राहुल गांधी अदालत में उपस्थित नहीं हुए, तो उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया गया।
⚖️ हाईकोर्ट में भी गई थी याचिका, लगा था जुर्माना
राहुल गांधी ने इस वारंट और निचली अदालत की कार्रवाई को रद्द कराने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने भी उन्हें राहत नहीं दी और उल्टा ₹1000 का जुर्माना भी लगाया। साथ ही कोर्ट ने मामले में राहुल गांधी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
👨⚖️ कोर्ट में आज की कार्यवाही
आज चाईबासा स्थित विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होकर राहुल गांधी ने अपना पक्ष रखा। उनके अधिवक्ता ने तर्क दिया कि यह मामला राजनीतिक बयानबाज़ी से जुड़ा है और उसमें किसी की व्यक्तिगत मानहानि नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए उन्हें ज़मानत दे दी।
🔍 शिकायतकर्ता का पक्ष
शिकायतकर्ता प्रताप कटियार का कहना है कि राजनीतिक मंच से किए गए इस बयान से उन्हें और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं को मानसिक ठेस पहुंची है। उनका कहना है कि वे इस मामले को आगे भी न्याय की आखिरी सीमा तक ले जाएंगे।