बेंगलुरु, (वेब वार्ता)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बेंगलुरु में आयोजित कांग्रेस की ‘वोट अधिकार रैली’ में उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपनी आधिकारिक वेबसाइट बंद कर दी है, ताकि मतदाता सूची और चुनावी डेटा से जुड़े सबूत मिटाए जा सकें।
“जनता सवाल पूछने लगी तो वेबसाइट बंद” – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा,
“जब देश की जनता हमारे डेटा को लेकर सवाल पूछने लगी, तो चुनाव आयोग ने वेबसाइट ही बंद कर दी। चुनाव आयोग जानता है कि अगर लोग सच्चाई जान गए, तो उनका पूरा ढांचा ढह जाएगा।”
उन्होंने ‘शपथ पत्र’ के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे पहले ही संसद में संविधान की शपथ ले चुके हैं, इसलिए चुनाव आयोग द्वारा मांगे गए हलफनामे की आवश्यकता नहीं है।
पूरे देश की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और वीडियोग्राफी रिकॉर्ड की मांग
राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग से पूरे देश की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और चुनाव से जुड़े वीडियोग्राफी रिकॉर्ड सार्वजनिक करने की मांग की। उनका कहना है कि यह डेटा मिल जाए तो वे साबित कर देंगे कि “पूरे देश में सीटें चोरी की गई हैं।”
“दाल में कुछ काला” — महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उदाहरण
राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा:
लोकसभा चुनाव में गठबंधन को भारी जीत मिली।
चार महीने बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में BJP को बढ़त मिल गई।
जांच में सामने आया कि विधानसभा चुनाव में 1 करोड़ नए मतदाताओं ने वोट डाला।
जहां भी नए वोटर आए, वहां BJP जीती, जबकि कांग्रेस के वोटों में कमी नहीं आई।
महादेवापुरा में ‘वोट चोरी’ के सबूत
कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवापुरा विधानसभा क्षेत्र की जांच की, जिसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए।
कुल 6.5 लाख वोटों में से 1,00,250 वोट चोरी हुए।
मतलब—हर 6 में से 1 वोट BJP के पक्ष में अवैध रूप से जोड़ा गया।
राहुल गांधी के अनुसार,
“इस डेटा को इकट्ठा करने में हमें 6 महीने लगे। हर नाम को चेक किया, हर फोटो को लाखों फोटो से मैच किया। यह डेटा अपराध का पुख्ता सबूत है।”
“सबूत मिटा रहा चुनाव आयोग”
राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि अगर कोई इस डेटा को खत्म करता है, तो यह सबूत मिटाने की कार्रवाई होगी, जो एक गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाएगी और कानूनी विकल्प भी तलाशेगी।
निष्कर्ष
राहुल गांधी के इन आरोपों से भारतीय राजनीति में एक बार फिर मतदाता सूची की पारदर्शिता और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर बहस तेज हो गई है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या यह मामला अदालत तक पहुंचेगा।