नई दिल्ली (2 सितंबर 2025): पंजाब में सतलुज, रावी, ब्यास और घग्गर नदियों के उफान ने 12 जिलों को बाढ़ की चपेट में ला दिया है, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है और 15,688 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। चंडीगढ़ में सुखना झील का जलस्तर भी बढ़ गया है, और राज्य में आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
🌧️ पंजाब बाढ़: 12 जिले प्रभावित, 29 मौतें, 3 लाख एकड़ फसल बर्बाद। पीएम मोदी का आश्वासन- केंद्र हर कदम साथ। #PunjabFloods2025 #NDRF #PMModi #BhagwantMann #PunjabFloods #Punjab https://t.co/GpEluy2PLA pic.twitter.com/w8tEUHDx4P
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बाढ़ की स्थिति और प्रभावित क्षेत्र
पंजाब में अगस्त-सितंबर 2025 में आई यह बाढ़ पिछले चार दशकों की सबसे विनाशकारी बाढ़ मानी जा रही है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण सतलुज, रावी, ब्यास और घग्गर नदियां उफान पर हैं, जिससे 1,044 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। सबसे अधिक प्रभावित जिले गुरदासपुर (321 गांव), अमृतसर (88 गांव), फाजिल्का (72 गांव), फिरोजपुर (76 गांव), और कपूरथला (115 गांव) हैं। बाढ़ ने लगभग 2.56 लाख लोगों को प्रभावित किया है, जिसमें अमृतसर (35,000) और फिरोजपुर (24,015) सबसे आगे हैं।
कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है, जिसमें 3 लाख एकड़ से अधिक फसलें नष्ट हो चुकी हैं। कई स्कूलों में पानी भर गया है, जिसके कारण 27 से 30 अगस्त तक स्कूल बंद रहे। पंजाब शिक्षा विभाग ने 300 से अधिक स्कूलों में हुए नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है।
रेस्क्यू और राहत कार्य
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), भारतीय सेना, और पंजाब पुलिस ने मिलकर अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। गुरदासपुर में 5,549, फिरोजपुर में 3,321, और फाजिल्का में 2,049 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। सेना ने नावों और वाहनों का उपयोग कर प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकाला, जबकि ड्रोन के जरिए अजनाला जैसे कटे हुए गांवों में पानी, दूध पाउडर और सूखा राशन पहुंचाया गया।
फिरोजपुर में 12 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां प्रभावित लोगों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने बताया कि सड़कों के जलमग्न होने के कारण ट्रैक्टर और सेना के वाहनों का उपयोग रेस्क्यू के लिए किया जा रहा है।
पीएम मोदी और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
जापान और चीन की यात्रा से लौटने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने तुरंत मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बात की और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की। पीएम ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री मान ने इसे “हाल के इतिहास की सबसे खराब बाढ़” बताया और कहा कि हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने पीएम से 60,000 करोड़ रुपये की “लंबित राज्य निधि” जारी करने की मांग भी की।
राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया आज फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे, जबकि मुख्यमंत्री मान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर विशेष राहत पैकेज की मांग की है।
बाढ़ के कारण और चुनौतियां
बाढ़ का मुख्य कारण हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के साथ-साथ पोंग, रंजीत सागर और भाखड़ा डैमों से अतिरिक्त पानी का छोड़ा जाना है। खराब ड्रेनेज सिस्टम ने भी स्थिति को और गंभीर बनाया। मौसम विभाग ने 1 से 3 सितंबर तक पंजाब के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर बाढ़ की तस्वीरों और वीडियोज ने लोगों का ध्यान खींचा है। X पर कई यूजर्स ने बुनियादी ढांचे की कमी और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। एक यूजर ने लिखा, “पंजाब बाढ़ में डूब रहा है, फसलें बर्बाद हो रही हैं, लेकिन ध्यान मंगनी जैसे मुद्दों पर है।”
निष्कर्ष
पंजाब में बाढ़ ने लाखों लोगों का जीवन प्रभावित किया है, और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। केंद्र और राज्य सरकार की सक्रियता और समन्वय से प्रभावित लोगों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, खराब ड्रेनेज और जलवायु परिवर्तन जैसे दीर्घकालिक मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचा जा सके।
🚨 पंजाब में बाढ़ का कहर: 12 जिले जलमग्न, 29 की मौत, 15,688 रेस्क्यू। पीएम मोदी ने सीएम मान से बात कर मदद का वादा किया। 💧 #PunjabFloods2025 #ReliefOperations #PMModi #BhagwantMann #PunjabFloods #Punjab pic.twitter.com/foqWfH4Hsz
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